यूपी : 100 अधिवक्ताओं के शैक्षिक प्रमाणपत्र मिले फर्जी, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यूपी बार काउंसिल करा रहा सत्यापन
प्रयागराज, 9 अगस्त। बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में पंजीकरण कराने के बाद प्रैक्टिस करने वाले करीब 100 अधिवक्ताओं के शैक्षिक प्रमाणपत्र फर्जी मिले हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यूपी बार काउंसिल की ओर से शुरू किए गए अधिवक्ताओं के प्रमाण पत्रों के सत्यापन में यह खुलासा हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक की जांच में 100 अधिवक्ताओं के शैक्षिक प्रमाण-पत्र रिकॉर्ड में नहीं मिले।
रजिस्ट्रेशन निरस्तीकरण के साथ संबंधित के खिलाफ FIR भी कराई जाएगी
बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ का कहना है कि बार काउंसिल में जितने भी रजिस्ट्रेशन हैं, सभी का सत्यापन कराया जा रहा है। संबंधित बोर्ड व विश्वविद्यालय को मार्कशीट वैरिफिकेशन के लिए भेजी गई हैं। अब तक 70 फीसद वैरिफिकेशन हो चुका है। इस दौरान जांच में 100 मार्कशीट फर्जी मिली हैं। सत्यापन प्रक्रिया में जिस अधिवक्ता की मार्कशीट या डिग्री फर्जी पाई गई हैं, उसे सुनवाई का एक मौका दिया जाएगा। इसके बाद डिग्री या मार्कशीट फर्जी मिलने पर उसका रजिस्ट्रेशन भी निरस्त होगा और संबंधित के विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी।
यूपी बोर्ड को सवा दो लाख शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन कराने को मिला है
वहीं यूपी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने बताया, ‘हमें सवा दो लाख शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन कराने को मिला है। 1984 या इससे पहले के शैक्षिक अभिलेखों का टेबुलेशन रजिस्टर से मुख्यालय में सत्यापन कराया जा रहा है। यहां अभ्यर्थियों का पूरा विवरण दर्ज है। 1984 के बाद के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के अंकपत्र–प्रमाण पत्र संबंधित क्षेत्रीय कार्यालयों प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, बरेली और मेरठ में रखे गए हैं।

फर्जी प्रमाणपत्रों की संख्या और बढ़ने की आशंका
भगवती सिंह ने बताया कि वर्ष 1984 के बाद के शैक्षिक अभिलेखों के सत्यापन संबंधित क्षेत्रीय कार्यालयों में होंगे। 2002 के बाद के 59000 बाकी अभिलेखों के सत्यापन ऑनलाइन होंगे। बोर्ड सचिव के निर्देश पर सत्यापन के लिए विशेष टीम बनाई गई है और उपसचिव को मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सत्यापन का काम अभी आधा ही हुआ है, ऐसे में फर्जी प्रमाणपत्रों की संख्या और बढ़ने की आशंका है।
यूपी बार काउंसिल से पंजीकृत हैं कभी साढ़े चार लाख अधिवक्ता
बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में पंजीकृत करीब साढ़े चार लाख अधिवक्ताओं में से जिनके शैक्षिक अभिलेख जमा हैं, उन्हें सत्यापन के लिए संबंधित संस्थाओं को भेजा गया है। यूपी बोर्ड को अब तक सवा दो लाख प्रमाण पत्र मिले हैं, जिनमें 59 हजार वर्ष 2002 के बाद के हैं। ये सभी ऑनलाइन रिकॉर्ड होने के कारण बोर्ड ने इन्हें लौटाकर ऑनलाइन सत्यापन करने को कहा है। करीब 47 हजार प्रमाणपत्र वर्ष 1984 या उससे पहले के हैं, जिनका सत्यापन बोर्ड मुख्यालय में मौजूद टेबुलेशन रजिस्टर (टीआर) से किया जा रहा है। 1984 के बाद के रिकॉर्ड प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, बरेली और मेरठ के क्षेत्रीय कार्यालयों में भेजे गए हैं।
