मुंबई, 11 नवंबर। प्रवर्तन निदेशालय की टीमों ने महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड लैंड मामले में गुरुवार को पुणे में सात जगहों पर छापेमारी की है। वक्फ बोर्ड महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक के मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
नवाब मलिक के मंत्रालय के अधीन आता है वक्फ बोर्ड
गौरतलब है कि ईडी की यह काररवाई ऐसे वक्त हुई है, जब कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक मुंबई क्रूज ड्रग्स केस को लेकर एनसीबी मुंबई के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर लगातार हमलावर हैं और उनके खिलाफ सरकारी नौकरी में फर्जी जाति प्रमामण पत्र पेश करने से लगायत धन उगाही तक तमाम आरोप लगा डाले हैं। इन्हीं सब विवादों के बीच समीर वानखेड़े को ड्रग्स केस की जांच प्रक्रिया से अलग किया जा चुका है।
मलिक बोले – वक्फ बोर्ड के दफ्तर पर नहीं, ट्रस्ट पर हुई काररवाई
फिलहाल ईडी के छापों पर नवाब मलिक ने दिन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि छापे की यह काररवाई वक्फ बोर्ड के दफ्तर पर नहीं बल्कि ट्रस्ट पर हुई है।
एनसीपी नेता ने समीर वानखेड़े और फडणवीस के खिलाफ लगाए हैं गंभीर आरोप
ज्ञातव्य है कि नवाब मलिक ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस का भी समीर वानखेड़े से कनेक्शन जोड़ दिया है। नवाब ने साथ ही फडणवीस के खिलाफ महाराष्ट्र से लेकर गोवा तक ड्रग्स के धंधे को संरक्षण देने, जाली नोटो के कारोबार और धन उगाही जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।
नवाब मलिक के दामाद ने फडणवीस को भेजी है मानहानि की नोटिस
फडणवीस ने भी नवाब मलिक पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया है कि उनका अंडरवर्ल्ड से कनेक्शन है और उनके परिवार ने दाऊद इब्राहिम के दो गुर्गों से मुंबई के पॉश इलाके में करोड़ों की जमीन कौड़ियों के भाव खरीदी थी। आरोप-प्रत्यारोप के बीच ही नवाब मलिक के दामाद ने देवेंद्र फडणवीस को मानहानि और झूठे आरोपों के लिए कानूनी पांच करोड़ रुपये की कानूनी नोटिस भेजी है।