नई दिल्ली, 23 अप्रैल। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जहांगीरपुरी हिंसा के मामले में मुख्य आरोपित मोहम्मद अंसार समेत कई संदिग्धों के खिलाफ धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) का मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि संघीय एजेंसी ने धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की है। ईडी की ईसीआईआर पुलिस की प्राथमिकी के समान होती है।
दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने ईडी से किया था अनुरोध
दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने हाल में ईडी को पत्र लिखकर इस बाबत जांच करने का अनुरोध किया था। उन्होंने मामले में दिल्ली पुलिस के अधिकारियों द्वारा प्राप्त प्रारंभिक तथ्यों और दर्ज प्राथमिकी का हवाला दिया था। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस में दर्ज इन शिकायतों के बाद ईडी ने मामला दर्ज किया है।
उत्तर पश्चिम दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में बीते शनिवार को हनुमान जयंती के अवसर पर निकाली गई शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें आठ पुलिसकर्मी सहित नौ लोग घायल हो गए थे। हिंसा के दौरान पथराव और आगजनी की घटनाएं हुई और कुछ वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया।
मोहम्मद अंसार है जहांगीरपुरी हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता
पुलिस के अनुसार जहांगीरपुरी के बी-ब्लॉक का रहने वाला 35 वर्षीय मोहम्मद अंसार हिंसा की घटना का कथित मुख्य साजिशकर्ता है। पुलिस की शुरुआती जांच के दौरान यह सामने आया है कि अंसार के कई बैंक खातों में रुपये हैं और उसके पास काफी संपत्तियां भी हैं, जिन्हें कथित तौर पर जुए की रकम से खरीदा गया।
ईडी सभी आरोपितों से पूछताछ कर सकती है और उनके वित्तीय लेनदेन की जांच कर सकती है। उसे धन शोधन की जांच के दौरान आरोपितों को गिरफ्तार करने तथा उनकी संपत्ति कुर्क करने का भी अधिकार है।