Site icon hindi.revoi.in

ईडी ने धनशोधन मामले में कर्नाटक के पूर्व मंत्री बी नागेंद्र को लिया हिरासत में, जानें पूरा मामला

Social Share
FacebookXLinkedinInstagramTelegramWhatsapp

बेंगलुरु, 12 जुलाई। कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड में कथित अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन मामले की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को पूर्व मंत्री बी नागेंद्र को हिरासत में ले लिया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस विधायक को पूछताछ के लिए उनके आवास से ईडी कार्यालय ले जाया गया है।

अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री नागेंद्र ने घोटाले के सिलसिले में लगे आरोपों के बाद छह जून को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। ईडी कार्यालय ले जाए जाते समय नागेंद्र ने संवाददाताओं से कहा, ”मुझे मेरे घर से ले जाया जा रहा है…मुझे कुछ भी नहीं पता।” ईडी ने पिछले दो दिनों में कर्नाटक के पूर्व मंत्री नागेंद्र और सत्तारूढ़ कांग्रेस विधायक बसनगौड़ा दद्दल के परिसरो सहित कई स्थानों पर तलाशी ली है।

सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज मामले में कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र में करीब 20 स्थानों पर छापेमारी की। कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड में धन का अवैध हस्तांतरण का मामला तब सामने आया था जब इसके लेखा अधीक्षक चंद्रशेखरन पी ने 26 मई को आत्महत्या कर ली थी।

घटनास्थल से पी. द्वारा लिखा गया एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि निगम के बैंक खाते से उसके 187 करोड़ रुपए का अनाधिकृत हस्तांतरण किया गया है। उसमें से 88.62 करोड़ रुपए अवैध रूप से विभिन्न खातों में भेजे गए। ये बैंक खाते कथित रूप से प्रसिद्ध आईटी कंपनियों और हैदराबाद में स्थित एक सहकारी बैंक के हैं। चंद्रशेखरन ने सुसाइड नोट में निगम के निलंबित किए गए प्रबंध निदेशक जे जी पद्मनाभ, लेखा अधिकारी परशुराम जी दुरुगनवर और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य प्रबंधक सुचिस्मिता रावल का नाम शामिल किया था।

उन्होंने यह भी दावा किया था कि कि पूर्व मंत्री बी नागेंद्र ने धन हस्तांतरित करने के लिए मौखिक आदेश जारी किए थे। राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) में आर्थिक अपराध के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मनीष खरबीकर की अध्यक्षता में एक एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी ने मंगलवार को इस मामले की जांच के सिलसिले में नागेंद्र और दद्दल से पूछताछ की थी।

Exit mobile version