गोवा में ED का एक्शन – पीएमएलए के तहत 212.85 करोड़ से अधिक की अचल संपत्तियां कुर्क
नई दिल्ली, 30 जुलाई। प्रवर्तन निदेशालय (ED) के पणजी स्थित क्षेत्रीय कार्यालय ने गोवा में 212.85 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। ईडी ने पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत गोवा राज्य के विभिन्न प्रमुख स्थानों पर स्थित अचल संपत्तियों पर ये कार्रवाई की है।
संगठित आपराधिक गिरोह पर भूमि हड़पने की साजिश का आरोप
ईडी ने बुधवार को एक बयान में बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), पणजी क्षेत्रीय कार्यालय ने 28 जुलाई को गोवा के विभिन्न प्रमुख स्थानों पर स्थित कई अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है, जिनका मूल्य 212.85 करोड़ रुपये है। यह कार्रवाई रोहन हरमलकर और उनके सहयोगियों के नेतृत्व में एक संगठित आपराधिक गिरोह द्वारा किए गए भूमि हड़पने और जालसाजी की व्यापक साजिश की चल रही जांच के संबंध में की गई है।
रोहन हरमलकर और अन्य आरोपितों के खिलाफ दर्ज की गई थी FIR
ईडी के अनुसार ईडी ने गोवा पुलिस द्वारा दर्ज दो प्राथमिकियों के आधार पर जांच शुरू की है। ये एफआईआर रोहन हरमलकर और अन्य आरोपितों के खिलाफ दर्ज की गई थीं। उन पर जालसाजी, धोखाधड़ी, फर्जी पहचान का इस्तेमाल करने और नकली दस्तावेजों के जरिए उत्तर गोवा में जमीन के टुकड़े धोखे से हड़पने के आरोप हैं।
ईडी की जांच में पता चला है कि रोहन हरमलकर ने अलकांट्रो डिसूजा और अन्य लोगों के साथ मिलकर एक आपराधिक षड्यंत्र रचा, जिसके तहत अंजुना, रेवोरा, नडोरा, कैमुरलिम, पर्रा, और बारदेज तालुका व मापुसा शहर, गोवा के आसपास के अन्य क्षेत्रों में स्थित उच्च मूल्य की संपत्तियों को हड़पने की साजिश रची गई।
पीएमएलए जांच में खुलासा हुआ कि आरोपितों ने कीमती अचल संपत्तियों पर झूठा मालिकाना हक जताने के लिए नकली वंशावली रिकॉर्ड, फर्जी बिक्री विलेख, जाली वसीयत, बदली गई इन्वेंट्री कार्यवाहियां और अन्य नकली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। इसके जरिए वे इन संपत्तियों को वैध दिखाने की कोशिश कर रहे थे। इस तरह उन्होंने बड़ी मात्रा में अपराध की कमाई (पीओसी) की, जो पीएमएलए की धारा 2(1)(यू) के तहत परिभाषित है।
अपराध से कमाई गई रकम (पीओसी) का एक हिस्सा सीधे रोहन हरमलकर, अलकांट्रो डिसूजा और अन्य आरोपितों को मिला। बाद में इस रकम को उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों के बैंक खातों के जरिए घुमाया गया। इस अवैध कमाई को अलग-अलग खातों से गुजारकर और मिलाकर ऐसे दिखाया गया कि जैसे वह वैध (साफ-सुथरी) हो, ताकि काले धन को सफेद किया जा सके।
हरमलकर की जून में हुई थी गिरफ्तारी
ईडी के अनुसार, अब तक 212.85 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की कई अचल संपत्तियों की, जो सीधे पीओसी का हिस्सा हैं, पहचान की गई है और पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत अस्थायी रूप से उसे कुर्क किया गया है। साथ ही बाकी पीओसी का पता लगाने और कुर्क करने के प्रयास जारी हैं ताकि धन शोधन के पूरे दायरे का खुलासा किया जा सके। मुख्य आरोपित रोहन हरमलकर को जून में पीएमएलए, 2002 की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया गया था और वह वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है। इस मामले में आगे की जांच जारी है।
