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ईडी की काररवाई : मनी लॉन्ड्रिंग केस में एबीजी शिपयार्ड की 2,747 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त

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नई दिल्ली, 22 सितम्बर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़ी धनशोधन जांच के तहत एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड की 2,747.69 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। ईडी ने यह काररवाई केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा कम्पनी के संस्थापक ऋषि कमलेश अग्रवाल की गिरफ्तारी के एक दिन बाद की है। जब्त की गईं संपत्तियों में डॉकयार्ड, कृषि भूमि, वाणिज्यिक संपत्तियां और बैंक जमा शामिल हैं।

जब्त सम्पत्तियों में सूरत एवं दाहेज में स्थित शिपयार्ड, कृषि भूमि व भूखंड शामिल

उल्लेखनीय है कि ईडी ने एबीजी शिपयार्ड, उसके समूह की कम्पनियों और संबद्ध कम्पनियों के खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज कर रखा है। जांच एजेंसी ने एक बयान में बताया कि जब्त सम्पत्तियों में गुजरात में सूरत और दाहेज में स्थित शिपयार्ड, कृषि भूमि और भूखंड शामिल हैं। इसके अलावा गुजरात और महाराष्ट्र में विभिन्न वाणिज्यिक और आवासीय परिसर तथा एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड, उसके समूह की कम्पनियों और अन्य संबद्ध कंपनियों के बैंक खाते शामिल हैं।

ईडी के अनुसार जांच में पाया गया कि एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड और उसके चेयरमैन तथा प्रबंध निदेशक अग्रवाल ने आईसीआईसीआई बैंक, मुंबई की अगुआई वाले बैंकों के गठजोड़ से कर्ज लिया। यह कर्ज पूंजी आवश्यकताओं और अन्य व्यावसायिक खर्चों को पूरा करने के लिए लिया गया था।

कथित अवैध लेनदेन से बैंकों के गठजोड़ को 22,842 करोड़ रुपये का नुकसान

एजेंसी का कहना है कि हालांकि एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड ने कर्ज सुविधाओं का दुरुपयोग किया और धन को भारत तथा विदेश में दूसरे स्थानों पर भेज दिया। ऐसा विभिन्न ऋणों, अग्रिमों और निवेश आदि की आड़ में किया गया। आरोप है कि इन कथित अवैध लेनदेन से बैंकों के गठजोड़ को 22,842 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

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