ECI ने हरियाणा में बढ़ाई चुनाव की तारीख, अब 5 अक्तूबर होगी वोटिंग, परिणाम अब 8 अक्टूबर को आएंगे
नई दिल्ली, 31 अक्टूबर। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने उम्मीदों के अनुरूप हरियाणा विधानसभा चुनाव की मतदान तिथि आगे बढ़ा दी है। बदलाव के तहत हरियाणाम में अब एक अक्तूबर के बजाय पांच अक्तूबर को वोटिंग होगी।
इसी क्रम में जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए मतगणना की तिथि चार भी अक्तूबर से बढ़ाकर आठ अक्तूबर कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार तीन चरणों (18-25 सितम्बर व एक अक्टूबर) में मतदान होना है।
बिश्नोई समुदाय की परंपराओं का सम्मान करने के लिए निर्णय लिया
निर्वाचन आयोग की ओर से शनिवार को जारी बयान के अनुसार यह निर्णय बिश्नोई समुदाय के मतदान के अधिकार और परंपराओं दोनों का सम्मान करने के लिए लिया गया है, जिन्होंने अपने गुरु जम्भेश्वर की याद में आसोज अमावस्या उत्सव समारोह में भाग लेने की सदियों पुरानी प्रथा को बरकरार रखा है।
आसोज अमावस्या उत्सव समारोह में भागीदारी की पुरातन परंपरा
बयान के अनुसार आयोग को अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा, बीकानेर (राजस्थान) के राष्ट्रीय अध्यक्ष से हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तिथि अर्थात एक अक्टूबर को पुनर्निर्धारित करने के लिए प्रतिनिधित्व प्राप्त हुआ था क्योंकि पंजाब, राजस्थान और हरियाणा के कई परिवारों ने पीढ़ियों से अपने गुरु जम्भेश्वर की याद में बीकानेर जिले में अपने वार्षिक उत्सव के लिए “आसोज” महीने में अमावस के दौरान राजस्थान में अपने पैतृक गांव मुकाम जाने की एक लंबी परंपरा का पालन किया है। इस वर्ष, यह उत्सव दो अक्टूबर को होगा और सिरसा, फतेहाबाद और हिसार में रहने वाले हजारों बिश्नोई परिवार मतदान के दिन राजस्थान की यात्रा करेंगे, जिससे उन्हें उनके मतदान के अधिकार से वंचित किया जाएगा।
ऐसे ही कारणों से पहले भी किए जा चुके हैं चुनाव तिथियों में बदलाव
आयोग ने बयान में कहा कि अतीत में, आयोग ने विभिन्न समुदायों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए चुनाव तिथियों में भी बदलाव किया है। उदाहरण के लिए, 2022 में पंजाब विधानसभा चुनावों के दौरान, आयोग ने गुरु रविदास जयंती के लिए वाराणसी जाने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मतदान को एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया था।
इसी प्रकार मणिपुर में 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान, आयोग ने ईसाई समुदाय की रविवार की प्रार्थनाओं का सम्मान करने के लिए मतदान की तिथियों में बदलाव किया। वहीं 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनावों में आयोग ने देवउठनी एकादशी पर मूल रूप से निर्धारित मतदान को पुनर्निर्धारित किया, जो राजस्थान में सामूहिक विवाहों के लिए महत्वपूर्ण दिन है। यूपी विधानसभा चुनाव 2012 में बारावफात के कारण मतदान की तिथि बदली गई थी।