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बिहार बोर्ड परीक्षा में ई-रिक्शा चालक का बेटा बना टॉपर, 12वीं कक्षा में संगम राज को मिले 96.4 फीसदी अंक

बिहार बोर्ड परीक्षा में ई-रिक्शा चालक का बेटा बना टॉपर, 12वीं कक्षा में संगम राज को मिले 96.4 फीसदी अंक

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गोपालगंज, 16 मार्च। अभाव में जीवन यापन करने वाले ई-रिक्शा चालक जनार्दन साह के बेटे संगम राज ने बिहार बोर्ड की 12वीं कक्षा की परीक्षा में 96.4 फीसदी नंबर लाकर टॉप किया है। संगम ने कुल 500 नंबरों में से 482 नंबर लाकर अपने पिता का नाम रोशन किया है।

12वीं कक्षा में कुल  81.15 फीसदी विद्यार्थी उत्तीर्ण

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने बुधवार को 12वीं कक्षा का परिणाम जारी किया, जिसमें इस बार कुल 80.15 फीसदी छात्र-छात्राएं उत्तीर्ण हुए हैं। बोर्ड के इंटर की परीक्षा में इस बार कुल 13,25,749 परीक्षार्थी शामिल हुए थे, जिनमें से 6,83,920 छात्र और 6,41,829 छात्राएं शामिल थीं।

आर्ट्स में 79.3 फीसदी बच्चे पास हुए हैं, जिनमें 81.28 फीसदी लड़कियां और 76.66 फीसदी लड़के शामिल हैं। वहीं कॉमर्स में 93.99 फीसदी लड़कियां और 88.12 फीसदी लड़के पास हुए हैं। कॉमर्स में 90.38 फीसदी बच्चे पास हुए हैं।

गोपालपुर स्थित वीएम इंटर कॉलेज के छात्र हैं संगम

गोपालगंज के हजियापुर मोहल्ले रहने वाले संगम राज गोपालपुर स्थित वीएम इंटर कॉलेज के छात्र हैं, जिन्होंने आर्ट्स में पूरे बिहार में टॉप किया। पिता ई-रिक्शा चलाते हैं, उसके बावजूद पूरी मेहनत और लगन से लक्ष्य पर लगे रहे संगम ने बिहार टॉपर बनकर पूरे जिले का नाम रोशन कर दिया है।

आर्ट्स स्ट्रीम में कुल 6 बच्चे टॉप फाइव में

संगम के अलावा आर्ट्स स्ट्रीम में कुल छह बच्चे टॉप फाइव में हैं। कटिहार की रहने वाली श्रेया दूसरे स्थान पर हैं जबकि मधेपुरा की रहने वाली रितिका रत्न ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है। श्रेया को 471 नंबर मिले हैं जबकि रितिका को 470 नंबर मिले हैं।

पिता का सारा कर्ज उतार कर बड़ा अधिकारी बनने का सपना

आर्ट्स विषय के टॉपर संगम ने कहा, ‘मुझे बहुत खुशी है कि मैंने अपने पिता की मेहनत को सफल कर दिया है। कोरोना का डर होने के बाद भी मैंने बिहार टॉप किया। पिछले तीन वर्षों से कोरोना हमारा पीछा कर रहा है, उसके बाद भी हमने मन लगाकर पढ़ाई की। समय-समय पर शिक्षकों का पूरा सहयोग मिलता रहा। इसलिए हमें इस बात का एहसास ही नहीं हुआ कि कोरोना काल में कभी हमारी पढ़ाई प्रभावित हुई हो।’

संगम ने कहा, ‘पिता को खुश देखकर मैं बहुत खुश हूं। मेरे पिता जी ई-रिक्शा चलाते हैं। मेरी पढ़ाई के लिए उन्होंने काफी मेहनत की है और आज मुझे इस काबिल बनाया है। मेरा भी  सपना है कि मैं उनका सारा कर्ज उतारूं और एक बड़ा अधिकारी बनकर उनके सपने पूरा कर सकूं।’

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