चौतरफा घिरने के बाद झुके फिल्म ‘आदिपुरुष’ के डायरेक्टर-प्रोड्यूसर, मनोज मुंतशिर का ट्वीट – बदले जाएंगे डायलॉग
नई दिल्ली, 18 जून। महाग्रंथ रामायण पर आधारित प्रभास स्टारर फिल्म ‘आदिपुरुष’ के कई विवादित डायलॉग्स पर चौतरफा घिरने के बाद डायरेक्टर व प्रोड्यूसर को झुकना पड़ा। इसी क्रम में स्क्रिप्ट राइटर मनोज मुंतशिर ने एक ट्वीट में जानकारी दी है कि इसी हफ्ते फिल्म के विवादित डायलॉग बदले जाएंगे और उन्हें फिल्म में शामिल किया जाएगा।
‘आदिपुरुष’ के डायलॉग लिखने वाले राइटर मनोज मुंतशिर ने शनिवार को अपने डायलॉग्स के बचाव में कहा था कि ऐसी भाषा गलती से इस्तेमाल नहीं हुई, बल्कि ये जान बूझकर किया गया है ताकि यंग ऑडियंस रिलेट कर सके। उन्होंने कहा कि भारत के कई कथावाचक इसी तरह की भाषा में कथा सुनाते आए हैं। लेकिन अब मनोज ने फिल्म के डायलॉग्स को लेकर ट्विटर पर एक लंबी पोस्ट शेयर की है। उन्होंने कहा कि जनता की भावना से बढ़कर उनके लिए कुछ भी नहीं है।
मुंतशिर ने लोगों से शिकायत भी की
अपने ट्वीट में मनोज ने लिखा कि उन्होंने ‘आदिपुरुष’ में प्रभु श्रीराम का यशगान किया, जिसके लिए उन्हें तारीफ नहीं मिली। लेकिन पांच लाइनों के लिए उनकी आलोचना में लोगों ने बहुत कुछ कहा। ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘रामकथा से पहला पाठ जो कोई सीख सकता है, वो है हर भावना का सम्मान करना। सही या गलत, समय के अनुसार बदल जाता है, भावना रह जाती है। आदिपुरुष में 4000 से भी ज्यादा पंक्तियों के संवाद मैंने लिखे, पांच पंक्तियों पर कुछ भावनाएं आहत हुईं। उन सैकड़ों पंक्तियों में जहां श्रीराम का यशगान किया, मां सीता के सतीत्व का वर्णन किया, उनके लिए प्रशंसा भी मिलनी थी, जो पता नहीं क्यों मिली नहीं।’
रामकथा से पहला पाठ जो कोई सीख सकता है, वो है हर भावना का सम्मान करना.
सही या ग़लत, समय के अनुसार बदल जाता है, भावना रह जाती है.
आदिपुरुष में 4000 से भी ज़्यादा पंक्तियों के संवाद मैंने लिखे, 5 पंक्तियों पर कुछ भावनाएँ आहत हुईं.
उन सैकड़ों पंक्तियों में जहाँ श्री राम का यशगान…— Manoj Muntashir Shukla (@manojmuntashir) June 18, 2023
‘आदिपुरुष’ के डायलॉग से कई लोग इस कदर नाराज हुए कि उन्होंने सोशल मीडिया पर मनोज मुंतशिर को ट्रोल करना शुरू कर दिया। इस बारे में भी अपनी शिकायत रखते हुए मनोज ने लिखा, ‘मेरे ही भाइयों ने मेरे लिए सोशल मीडिया पर अशोभनीय शब्द लिखे। वही मेरे अपने, जिनकी पूज्य माताओं के लिए मैंने टीवी पर अनेक बार कविताएं पढ़ीं, उन्होंने मेरी ही मां को अभद्र शब्दों से संबोधित किया। मैं सोचता रहा, मतभेद तो हो सकता है, लेकिन मेरे भाइयों में अचानक इतनी कड़वाहट कहां से आ गई कि वो श्रीराम का दर्शन भूल गए जो हर मां को अपनी मां मानते थे। शबरी के चरणों में ऐसे बैठे, जैसे कौशल्या के चरणों में बैठे हों। हो सकता है, 3 घंटे की फिल्म में मैंने तीन मिनट कुछ आपकी कल्पना से अलग लिख दिया हो, लेकिन आपने मेरे मस्तक पर सनातन-द्रोही लिखने में इतनी जल्दबाज़ी क्यों की, मैं जान नहीं पाया।’
डायलॉग बदलने का वादा
अपने ट्वीट के अंत में मनोज ने लिखा कि वो अपने संवादों के पक्ष में अनगिनत तर्क दे सकते हैं, लेकिन उन्होंने फिल्म के मेकर्स और डायरेक्टर के साथ मिलकर तय किया है कि डायलॉग्स बदल दिए जाएं। उन्होंने दर्शकों से वादा करते हुए लिखा, ‘मैंने और फिल्म के निर्माता-निर्देशक ने निर्णय लिया है, कि वो कुछ संवाद जो आपको आहत कर रहे हैं, हम उन्हें संशोधित करेंगे। इसी सप्ताह वो फिल्म में शामिल किए जाएंगे। श्रीराम आप सब पर कृपा करें!’
डायलॉग के बचाव में मनोज ने दिए थे ये तर्क
‘आदिपुरुष’ के एक डायलॉग पर बहुत लोगों ने आपत्ति जताई है। यह डायलॉग है – ‘तेल तेरे बाप का, आग भी तेरे बाप की और जलेगी भी तेरे बाप की।’ इस डायलॉग के बारे में मनोज ने कहा था, ‘साढ़े सात हजार वर्ष पहले रामायण लिखी गई थी, तो अभी चार-साढ़े चार सौ साल पहले बाबा तुलसीदास ने अवधी में क्यों लिखी?’ मनोज ने कहा था कि हर रामायण सुनाने वाले का मिशन उसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाना होता है इसीलिए, समसामयिक भाषा में बात की जाती है। आज का यूथ रमा को जाने और रामायण से रिलेट कर सके, इसलिए उन्होंने ऐसी भाषा डायलॉग में जान बूझकर इस्तेमाल की।
हालांकि, इस सफाई के लिए भी लोगों ने मनोज को सोशल मीडिया पर ट्रोल करना शुरू कर दिया था। ‘आदिपुरुष’ से लोगों की नाराजगी लगातार नजर आती रही। आखिरकार, भावनाओं को देखते हुए मेकर्स ने डायलॉग बदलने का फैसला लिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि नए डायलॉग्स के साथ ‘आदिपुरुष’ देखने वाले दर्शकों का क्या रिएक्शन आता है।