पेरिस पैरालम्पिक : धरमबीर ने एशियाई रिकॉर्ड के साथ क्लब थ्रो में जीता स्वर्ण पदक, प्रणव सूरमा को मिला रजत
पेरिस, 5 सितम्बर। पेरिस पैरालम्पिक खेलों में पदक स्पर्धाओं का सातवां दिन भारतीय दल के लिए काफी फलदायक रहा, जब उसके खिलाड़ियों ने दो स्वर्ण और दो रजत सहित कुल चार पदक जीते। इस प्रकार बुधवार की स्पर्धाओं के समापन के बाद पैरालम्पिक खेलों में अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का भारतीय अभियान 24 पदकों (पांच स्वर्ण, नौ रजत, 10 कांस्य) तक जा पहुंचा। इसी कड़ी में भारत पदक तालिका में 13वें स्थान पर पहुंच गया।
#ParisParalympics2024 Medal Tally 🇮🇳#TeamIndia jump to 13th position on the back of Dharambir and Harvinder's gold medals 🥇🥇, bettering their performance from the #TokyoOlympics2020.
Let the #Cheer4Bharat chants ring out loud tonight; let these Para Athletes know that the… pic.twitter.com/FToZNCJoc9
— SAI Media (@Media_SAI) September 4, 2024
क्लब थ्रोअर धर्मबीर ने नए एशियाई रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक तो उनके साथी स्पर्धी प्रणव सूरमा ने रजत पदक जीतकर क्लब थ्रो की F51 स्पर्धा भारत का दबदबा कायम कर दिया। इसके पूर्व हरविंदर सिंह इतिहास रचते हुए स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय तीरंदाज बन चुके थे तो विश्व चैम्पियन गोला प्रक्षेपक सचिन सरजेराव खिलारी ने गोला प्रक्षेप की F46 स्पर्धा में एशियाई रिकॉर्ड के साथ रजत पदक जीता था।
Dharambir has achieved a spectacular milestone with his incredible Gold medal in the Men’s Club Throw F51 at #Paralympics2024!
In a historic first, Bharat has claimed its first-ever Gold medal in the Paralympics in Club Throw!
His remarkable strength & unwavering determination… pic.twitter.com/A0lAvZnhLU— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) September 5, 2024
विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक विजेता रहे सोनीपत के 35 वर्षीय कद्दावर एथलीट धरमबीर पहले चार प्रयासों में फाउल कर बैठे थे, लेकिन उन्होंने पांचवें प्रयास में 34.92 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक पक्का कर लिया।
What a monumental achievement by Pranav Soorama!
Claiming the first-ever Silver medal for Bharat in the Men’s Club Throw F51 at the Paralympics he has thrown open the doors of possibility for every aspiring athlete.
Your victory is not just a medal—it’s a symbol of perseverance… pic.twitter.com/WV1Pd5SrlI— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) September 5, 2024
इसके बाद, सूरमा ने अपने पहले प्रयास में 34.59 मीटर का थ्रो किया, लेकिन फरीदाबाद का यह 29 वर्षीय खिलाड़ी धरमबीर को पीछे नहीं छोड़ सका। सूरमा के रजत पदक जीतने के साथ ही भारत ने इस मुकाबले के पहले दो स्थानों पर कब्जा कर लिया।
सूरमा की रीढ़ की हड्डी में 16 वर्ष की उम्र में उस समय चोट लग गई थी, जब उनके सिर पर सीमेंट शीट गिर गई थी। सर्बिया के फिलिप ग्राओवाक ने अपने दूसरे प्रयास में 34.18 मीटर का थ्रो कर कांस्य पदक जीता।