नई दिल्ली, 4नवंबर। जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने अपने स्वायत्त संस्थानों और सार्वजनिक उपक्रमों के साथ मिलकर विशेष अभियान 4.0 को सफलतापूर्वक पूरा किया। वैज्ञानिक कैडर यूनाइट्स, प्रभागों और इसके एआईपीएसयू ने विशेष अभियान 4.0 में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस अभियान का आयोजन प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) ने किया था।
इस अभियान का उद्देश्य कार्यालयों की साफ-सफाई में सुधार लाना और सांसदों के संदर्भ, राज्य सरकारों के संदर्भ, अंतर-मंत्रालयी संदर्भ, संसदीय आश्वासन, पीएमओ संदर्भ, लोक शिकायत और पी.जी. अपील आदि लंबित मामलों का निपटारा करना था। इसके अलावा, कार्यालयों के रिकॉर्ड की समीक्षा की गई तथा सी.एस.एम.ओ.पी., जी.एफ.आर. और लोक अभिलेख अधिनियम, 1993 के अनुपालन में दस्तावेज़ों की छंटनी/उन्हें बचाए रखने की कार्रवाई की गई।
इस अवधि के दौरान 108 से अधिक स्वच्छता अभियान चलाए गए तथा पीएमओ/सांसदों के लंबित मामलों का निपटारा किया गया। 59 लोक शिकायत याचिकाओं और 10 लोक शिकायत अपीलों का निपटारा किया गया। कबाड़ और अनावश्यक वस्तुओं के निपटान से कार्यालयों को 15,16,404/- रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। कबाड के निपटान से 84,200 वर्ग फीट जगह उपयोग के लिए बन गई। इसके अलावा, 8 नियमों/प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया गया। रिकॉर्ड प्रबंधन के संबंध में, इस विभाग ने अपने संगठनों के साथ मिलकर 9152 भौतिक और 814 ई-फाइलों की समीक्षा की, जिनमें से 5200 भौतिक फाइलों को हटा दिया गया तथा 328 ई-फाइलें बंद कर दी गईं।
जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने न केवल सफाई और लंबित मामलों का निपटान किया है, बल्कि विशेष अभियान 4.0 के दौरान विभिन्न सर्वोत्तम प्रथाओं जैसे अग्नि सुरक्षा और रोकथाम पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन (ब्रिक-आईबीएसडी द्वारा), निर्माण स्थलों के दौरान छोड़े गए बेकार लोहे की छड़ों/सामग्री से अद्भुत रचनात्मक कार्य (अर्थात- “अपशिष्ट से संपदा”) (ब्रिक-एनआईएबी द्वारा) आदि का भी प्रदर्शन किया है।