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दिल्ली ब्लास्ट केस : अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर ED का एक्शन, ट्रस्टियों और संस्थानों के ठिकानों पर पड़े छापे

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नई दिल्ली, 18 नवंबर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली लाल किला विस्फोट मामले में अल फलाह विश्वविद्यालय में कथित धनशोधन की जांच शुरू की है, जहां आरोपी कार्यरत थे या अध्ययन करते थे। ईडी ने कई टीमों का गठन किया है और मंगलवार को अल फलाह विश्वविद्यालय के ओखला कार्यालय तथा अन्य संबंधित स्थानों पर तलाशी ले रही है।

ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज कहा, “ईडी अल फलाह विश्वविद्यालय, उसके ट्रस्टियों और संबंधित व्यक्तियों/संस्थाओं के लिए में तलाशी अभियान चला रहा है। यह अभियान आज सुबह पांच बजे शुरू हुआ और अभी भी जारी है।” ईडी की छापेमारी दिल्ली अपराध शाखा और हरियाणा पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर पर आधारित है जिसमें अल फलाह विश्वविद्यालय पर वित्तीय धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। दिल्ली के लाल किले के पास हुए विस्फोट में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है।

अल फलाह विश्वविद्यालय से जुड़े डॉक्टर डॉ. उमर नबी उस आई20 कार को चला रहा था जिसमें विस्फोट हुआ। शुरुआत में, विश्वविद्यालय ने डॉ. उमर और उसके सहयोगियों से किसी भी तरह का संबंध होने से इनकार किया था। हालांकि, बाद में जांच के दौरान पता चला कि विश्वविद्यालय कथित रूप से वित्तीय धोखाधड़ी में शामिल था जिसके कारण एफआईआर दर्ज की गई और धनशोधन के पहलू की जांच का कार्य ईडी को सौंपा गया।

बता दें कि अल फलाह यूनिवर्सिटी के चांसलर जावेद अहमद सिद्दीकी के छोटे भाई 50 वर्षीय हमूद अहमद सिद्दीकी को मध्य प्रदेश पुलिस ने रविवार को हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया। हमूद पर आरोप है कि उसने कई साल पहले महू कस्बे में लोगों से निवेश के नाम पर करीब 40 लाख रुपये लिए और 20 प्रतिशत ब्याज का लालच दिया। दो साल कंपनी चलाने के बाद तीसरे साल परिवार वह सहित फरार हो गया था। ठगी के 3 पुराने मुकदमों में 10 हजार रुपये का इनाम भी घोषित था। हालांकि पुलिस ने बताया कि चांसलर जावेद अहमद सिद्दीकी का ठगी के इन मामलों से कोई लेना-देना नहीं है।

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