रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मसूरी में बोले – ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में प्रशासनिक मशीनरी और सशस्त्र बलों का सहयोग सराहनीय रहा
मसूरी, 29 नवम्बर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को मसूरी में ट्रेनी प्रशासनिक अधिकारियों को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता, विषम परिस्थितियों में सिविल सेवकों के योगदान और नागरिक-सैन्य समन्वय की मजबूत परंपरा पर विशेष जोर दिया। उन्होंने ‘युवा नागरिक सेवकों’ से राष्ट्रीय हितों की रक्षा में अपनी भूमिका को गंभीरता से समझने और वीर सैनिकों की तरह हमेशा चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के लिए तैयार रहने का आह्वान किया।
ऑपरेशन सिंदूर में प्रशासन और सेना ने जनता का भरोसा व सहयोग हासिल किया
राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नागरिक-सैन्य सहयोग का उत्कृष्ट उदाहरण है, जहां प्रशासनिक तंत्र ने सशस्त्र बलों के साथ तालमेल बैठाकर महत्वपूर्ण सूचनाओं का संचार किया और जनता का विश्वास जीता।
Speaking at the valedictory ceremony of the 100th foundation course in LBSNAA (Mussoorie) https://t.co/YG3FT6UqU4
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) November 29, 2025
लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए), में आयोजित 100वें कॉमन फाउंडेशन कोर्स के समापन समारोह को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सशस्त्र बलों ने संतुलित और बिना किसी उकसावे के जवाबी काररवाई करते हुए पाकिस्तान और पीओके में आतंकी शिविरों को नष्ट किया। हालांकि, पड़ोसी देश के अनुचित व्यवहार के कारण सीमा पर स्थिति सामान्य नहीं हो पाई।
सैनिकों और अधिकारियों की सराहना, मॉक ड्रिल्स व सुरक्षा समन्वय पर जोर
रक्षा मंत्री ने सैनिकों की वीरता और प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने “महत्वपूर्ण सूचनाओं का संचार किया और देशभर में मॉक ड्रिल्स का सफल संचालन सुनिश्चित किया।” उन्होंने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु शासन और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया।
सिविल सेवक ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ से आत्मनिर्भर भारत में योगदान दें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ और ‘सुधार, प्रदर्शन तथा परिवर्तन’ के मंत्र का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर और विकसित भारत के लक्ष्य को गति देने में सिविल सेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में जब सरकार का गठन हुआ, तब भारत का आर्थिक आकार दुनिया में 11वें स्थान पर था। पिछले 9-10 वर्षों में भारत चौथे स्थान पर पहुंच गया है। यहां तक कि मॉर्गन स्टेनली जैसी प्रतिष्ठित वित्तीय संस्था भी मानती है कि अगले दो–तीन वर्षों में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।
‘आप जनता के सेवक हैं, योजनाओं के सशक्तिकरण सूत्रधार, सत्यनिष्ठा दैनिक जीवन का मूल हिस्सा बनाएं’
राजनाथ सिंह ने अधिकारियों से कहा, ‘आप केवल आदर्शवादी संरक्षक नहीं, बल्कि जनता के सेवक हैं। आप केवल योजनाओं के प्रदाता नहीं, बल्कि सशक्तिकरण के सूत्रधार भी हैं। आपका चरित्र भ्रष्टाचार से मुक्त और आपका आचरण सत्यनिष्ठा से परिपूर्ण होना चाहिए। सत्यनिष्ठा कोई अपवाद नहीं, बल्कि दैनिक जीवन का सामान्य हिस्सा बनना चाहिए।’
उन्होंने अधिकारियों से जवाबदेही और उत्तरदायित्व की भावना के साथ कार्य करने का आग्रह किया। उन्होंने सिविल सेवकों से प्रौद्योगिकी-संचालित युग में नवोन्मेषी ढंग से काम करने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री जन-धन योजना, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन और आयकर विभाग की फेसलेस असेसमेंट जैसी सफल पहलों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि तकनीक आज शासन का एक महत्वपूर्ण सक्षमकर्ता बन चुकी है।
सिविल सेवकों को प्रत्येक नागरिक के साथ सहानुभूति और समझ के साथ व्यवहार करना चाहिए
रक्षा मंत्रालय की ‘सम्पूर्ण’ पहल का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि यह एक एआई-संचालित स्वचालन प्रणाली है, जो रक्षा खरीद और भुगतान की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाती है। उन्होंने अधिकारियों से जन-पहुंच, पारदर्शिता और समावेशिता बढ़ाने के लिए तकनीक का उपयोग करने का आग्रह किया। सिंह ने कहा कि सिविल सेवकों को प्रत्येक नागरिक के साथ सहानुभूति और समझ के साथ व्यवहार करना चाहिए। समाज के कमजोर वर्गों के साथ संवाद करते समय यह समझना आवश्यक है कि उनकी समस्याएं केवल व्यक्तिगत प्रयासों से नहीं, बल्कि व्यापक सामाजिक एवं आर्थिक परिस्थितियों से भी प्रभावित होती हैं। यही दृष्टिकोण किसी प्रशासक को जन-केंद्रित और करुणामय बनाता है।
सिविल सेवाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी, हालिया UPSC में शीर्ष 5 में 3 महिलाएं शामिल
उन्होंने सिविल सेवाओं में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी का उल्लेख करते हुए कहा कि हालिया यूपीएससी परीक्षा में एक महिला ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया है और शीर्ष पांच उम्मीदवारों में तीन महिलाएं शामिल हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि वर्ष 2047 तक कई महिलाएं कैबिनेट सचिव के पदों पर पहुंचकर भारत की विकास यात्रा का नेतृत्व करेंगी। फाउंडेशन कोर्स को केवल एक प्रशिक्षण कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक सक्षम, कुशल और संवेदनशील शासन प्रणाली के निर्माण की प्रतिबद्धता बताते हुए उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी देश की प्रगति के मुख्य स्तंभ हैं।
पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री के साहस, सरलता और सत्यनिष्ठा को याद किया
अकादमी की स्थापना के नाम का उल्लेख करते हुए रक्षा मंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के साहस, सरलता और सत्यनिष्ठा को याद किया। उन्होंने 1965 के युद्ध में शास्त्री जी के नेतृत्व, हरित क्रांति में उनकी भूमिका और “जय जवान, जय किसान” के संदेश को प्रेरणा स्रोत बताया। इससे पहले, राजनाथ सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने अकादमी परिसर में ओडीओपी मंडप का भी उद्घाटन किया।
