दीपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा में भाजपा की जीत को धोखा बताया, बोले – 20 सीटों पर EVM से हुआ ‘खेल’
झज्जर, 12 अक्टूबर। हरियाणा विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल के नतीजों के विपरीत मिली हार के बाद कांग्रेस एक बार फिर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को लेकर हमलावर है। इस क्रम में रोहतक से कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने शनिवार को फिर ईवीएम को लेकर सवाल उठाए और राज्य में भाजपा की जीत को धोखा करार दिया।
‘भाजपा के धोखे के बावजूद हमें 40 फीसदी वोट मिला‘
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा चुनाव के जो नतीजे आए हैं, वो सभी को अचंभे में डालने वाले हैं। ये अप्रत्याशित नतीजे हैं। हम उनका गहराई से विश्लेषण कर रहे हैं। करीब 20 सीटों पर ईवीएम को लेकर शिकायतें मिली हैं, जो चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाते हैं। हमने चुनाव आयोग के सामने भी मुद्दे उठाए हैं और उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं। भाजपा के धोखे के बावजूद कांग्रेस को उसके बराबर करीब 40 फीसदी वोट मिला है। इसके लिए मैं पार्टी कार्यकर्ताओं और हरियाणा की जनता को धन्यवाद देना चाहता हूं। हम लोगों की आवाज उठाते रहेंगे।’
एग्जिट पोल में किया गया था कांग्रेस की जीत का दावा
उल्लेखनीय है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव की वोटिंग के बाद सभी एग्जिट पोल्स में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने का दावा किया जा रहा था। वहीं हरियाणा में भी सरकार विरोधी लहर काफी दिखाई दे रही थी। ज्यादातर राजनीतिक विश्लेषक भी भाजपा को सत्ता से बाहर और कांग्रेस की सरकार बनने का दावा कर रहे थे। आठ अक्टूबर को शुरू हुई मतगणना के एक घंटे तक कांग्रेस करीब 60 सीटों के साथ सबसे आगे चल रही थी, लेकिन उसके बाद रुझान बदले और भाजपा सीधे बहुमत के पार पहुंच गई।
ईवीएम की बैटरी को लेकर भी उठे सवाल
चुनाव के नतीजे आने के बाद कांग्रेस नेताओं ने ईवीएम की बैटरी को लेकर भी सवाल उठाए थे। रोहतक से विधायक बीबी बत्रा ने कहा कि ईवीएम की बैटरी कई दिन बाद भी 99 प्रतिशत कैसे रह सकती है। इसको लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग से जवाब मांगा है।
17 अक्टूबर को होना है सैनी सरकार का शपथ ग्रहण समारोह
हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 48 और कांग्रेस को 37 सीटें मिली हैं। वहीं दो विधायक इनेलो के और तीन निर्दलीय जीते हैं। हरियाणा में 17 अक्टूबर को नायब सिंह सैनी की अगुआई में नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह होना है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दूसरे भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे।