केरल आपदा : मृतकों की संख्या बढ़कर 25 हुई, पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री विजयन से ली जानकारी
नई दिल्ली, 18 अक्टूबर। दक्षिणी राज्य केरल में बीते शनिवार से शुरू हुई जबर्दस्त बारिश के चलते कई हिस्सों में अचानक आई बाढ़ व भूस्खलन की घटनाओं में और शव मिलने के बाद वर्षा संबंधी आपदा में मृतकों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है। कई जगहों पर मिट्टी धंसने से हुए जानमाल के नुकसान के बाद बचाव अभियान जारी है।
कोट्टायम और इडुक्की जिलों में ज्यादा तबाही
अधिकारियों ने बताया कि कोट्टायम और इडुक्की जिलों में ज्यादा तबाही देखने को मिली, जहां पर्वतीय इलाकों में भूस्खलन से लोगों की मौत हुई। इडुक्की की जिलाधिकारी शीबा जॉर्ज ने बताया कि खराब मौसम के कारण इडुक्की के पहाड़ी इलाकों में यात्रा पर प्रतिबंध है।
कोट्टायम का भी एक वीडियो सामने आया है, जहां मुंडकायम में रविवार को भारी बारिश के चलते पानी के बहाव में एक घर बह गया। अधिकारियों ने भूस्खलन के खतरे को लेकर कड़ी निगरानी जारी रखी है।
11 जिलों में बारिश का येलो अलर्ट
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार के लिए 11 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। गंभीर रूप से खराब मौसम की संभावना जताई गई है। राज्य में हालांकि वर्षा में कमी आई है, लेकिन मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने आमजन से सतर्क रहने को कहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में आपदा मोचन बल 24 घंटे कार्य करता रहेगा। उन्होंने लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने को कहा है।
प्रधानमंत्री ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री विजयन के साथ फोन पर बातचीत की और राज्य में तेज वर्षा और मिट्टी धंसने से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने स्थिति से निबटने के लिए राज्य को मदद की पेशकश की।
पीएम मोदी ने एक ट्वीट भी किया, जिसमें उन्होंने केरल में वर्षा और चट्टानें खिसकने से कुछ लोगों के मारे जाने पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अधिकारी घटनास्थल पर घायलों और प्रभावित लोगों की सहायता कर रहे हैं।
इसके पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी रविवार को कहा था कि उनका मंत्रालय केरल में स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहा है। एक ट्वीट में शाह ने कहा कि केंद्र सरकार जरूरतमंद लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) सहायता और बचाव अभियान के लिए पहले ही राज्य में भेजे जा चुके हैं।