श्योपुर (मध्य प्रदेश), 23 अप्रैल। कुनो नेशनल पार्क में चीता प्रोजेक्ट को बड़ा झटका लगा है, जब रविवार को दक्षिण अफ्रीका से लाए गए एक नर चीता उदय की मौत हो गई। कुनो नेशनल पार्क में एक माह के भीतर चीते की मौत की यह दूसरी घटना है। गत 27 मार्च को नामीबिया से लाई गई मादा चीता साशा की मौत हुई थी। वह किडनी की बीमारी से ग्रस्त थी।
पिछले माह मादा चीता साशा की मौत हुई थी
दरअसल, कुनो नेशनल पार्क में नामीबिया से आठ और दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए गए हैं। कुल 20 चीते आए थे। इनमें से दो चीतों की मौत हो चुकी है। हालांकि पिछले माह ही एक मादा चीता ने यहां चार शावकों को जन्म भी दिया था। फिलहाल उदय की मौत के बाद कुनो नेशनल पार्क में अब कुल 18 बड़े चीते बचे हैं और शावकों को मिलाकर कुल चीतों की संख्या 22 है।
कुनो राष्ट्रीय अभयारण्य की तरफ से बताया गया कि रविवार को गश्ती दल बाड़े नंबर दो के पास पूर्वाह्न नौ बजे पहुंचा था। उसमें नर चीता उदय सिर झुकाए सुस्त अवस्था में बैठा था। टीम जब चीता के करीब पहुंची तो वह उठकर लड़खड़ाकर और गर्दन झुकाए चलता रहा। हालांकि पिछली शाम की निगरानी में उदय पूरी तरह से स्वस्थ पाया गया था।
सुबह मौके पर पहुंची टीम ने तुरंत इसकी जानकारी डॉक्टरों को दी। डॉक्टरों की टीम मौके पर पहुंची और उसका चेकअप किया। चीता के बीमार होने की जानकारी पूर्वाह्न पौने दस बजे मुख्य वन संरक्षक को फोन के जरिए दी गई। उनसे अनुमति मिलने के बाद उदय को ट्रैंकुलाइज किया गया। पूर्वाह्न 11 बजे बेहोश कर उसका इलाज शुरू किया गया। इसके बाद उदय को आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया गया। निगरानी के दौरान अपराह्न चार बजे चीता उदय की मौत हो गई। मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। जांच के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि चीता की मौत कैसे हुई है।