कांग्रेस के नए मुख्यालय के नाम पर विवाद, इंदिरा भवन के बाहर लगे मनमोहन के पोस्टर
नई दिल्ली, 15 जनवरी। कांग्रेस मुख्यालय के नए दफ्तर के नाम पर विवाद उठ खड़ा हुआ, जब भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत मनमोहन सिंह को नजरअंदाज करने के आरोप लगा दिए। दरअसल, नए भवन की पहचान पूर्व पीएम दिवंगत इंदिरा गांधी के नाम पर रखी गई है। हालांकि, कांग्रेस ने भी इस मामले में सफाई दी है।
कांग्रेस अध्यक्ष श्री @kharge, CPP चेयरपर्सन श्रीमती सोनिया गांधी जी और नेता विपक्ष श्री @RahulGandhi ने कांग्रेस के नए मुख्यालय ‘इंदिरा भवन’ में दीप प्रज्ज्वलन किया।
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भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, ‘कांग्रेस के नए दफ्तर के बाहर पोस्टर लगे हैं, कांग्रेस के समर्थकों ने ही लगाया होगा कि इस भवन का नाम इंदिरा गांधी के नाम पर नहीं, मनमोहन सिंह के नाम पर रखना चाहिए। कांग्रेस पार्टी पर एक परिवार के आगे सोच नहीं पाती। स्मारक पर कांग्रेस की तरफ से कैसी ओछी राजनीति की गई, हमने देखा। लेकिन मनमोहन सिंह जी के राष्ट्रीय शोक का समय था, तब राहुल गांधी पार्टी के लिए निकल गए…।’
पूनावाला ने पीवी नरसिम्हा राव व प्रणब मुखर्जी समेत कई नेताओं का अपमान करने के आरोप भी कांग्रेस पर लगाए। उन्होंने लिखा, ‘कांग्रेस ने डॉक्टर मनमोहन सिंह के सम्मान पर गंदी राजनीति की, लेकिन अब नए दफ्तर का नाम उनके नाम पर रखने की भारी मांग के बाद भी उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया और इंदिरा गांधी के नाम पर भवन का नाम रखा गया। सिख समुदाय को गाली देना और अपमानित करना और हमेशा परिवार को सबसे पहले रखना शर्मनाक मानसिकता है।’
कांग्रेस ने दी सफाई
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन कुमार बंसल ने मामले में सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि नए भवन का नाम पहले से ही तय किया गया था और ऐसे में इस तरह की मांग करना ठीक नहीं है। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का बीते वर्ष 26 दिसम्बर को 92 साल की उम्र में निधन हो गया था।
इंदिरा भवन: सेवा, संघर्ष और सद्भावना का प्रतीक pic.twitter.com/uwRgh7tlyV
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कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा, ‘यह हम सभी जानते हैं कि कांग्रेस का इतिहास 140 साल पुराना है… यह साल 2010 में ही तय हो गया था जब डॉक्टर मनमोहन सिंह पीएम थे। उन्होंने और तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तय किया था कि इंदिरा भवन नाम चुना है।’
लगभग 5 दशक तक रहा कांग्रेस का पुराना मुख्यालय
उल्लेखनीय है कि दिल्ली के लुटियंस स्थित 24 अकबर रोड कांग्रेस का पता 47 वर्षों तक रहा। यहां कांग्रेस ने इंदिरा गांधी से लेकर मल्लिकार्जुन खरगे तक सात अध्यक्ष देखे। अब पार्टी कुछ किमी दूर 9ए कोटला मार्ग पर पहुंच रही है। कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने इसका उद्घाटन किया। हालांकि पार्टी ने स्पष्ट किया है कि वह ‘24 अकबर रोड’ को खाली नहीं करेगी।
इंदिरा भवन
लोकतंत्र, राष्ट्रवाद, धर्म निरपेक्षता, समावेशी विकास और सामाजिक न्याय की नींव पर बना कांग्रेस का नया मुख्यालय।
कांग्रेस के 140 साल पुराने गौरवशाली इतिहास को खुद में संजोए, यहां की दीवारें सत्य, अहिंसा, त्याग, संघर्ष और देश प्रेम की महागाथा बयां कर रही हैं।… pic.twitter.com/sxV9RJW2Ez
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इंदिरा भवन को पार्टी और उसके नेताओं की बढ़ती जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है, जिसमें प्रशासनिक, संगठनात्मक और रणनीतिक कार्यों में सहयोग करने के लिए आधुनिक सुविधाएं शामिल हैं। मीडिया की खबरों के अनुसार, ग्राउंड फ्लोर पर हाईटेक प्रेस कॉन्फ्रेंस रूम, बीच में रिसेप्शन व पीछे कैंटीन बनाई गई है। टीवी डिबेट के लिए पार्टी मुख्यालय में छोटे साउंडप्रूफ चेंबर बनाए गए हैं। खास बात है कि भवन में एक ऑडिटोरियम भी है और अलग-अलग विभागों के लिए कमरे तैयार किए गए हैं।