अयोध्या : श्रीराम जन्मभूमि परिसर में निर्माण का काम फिर शुरू, राजस्थान व गुजरात से लौटे 2000 कारीगर
अयोध्या, 16 नवम्बर। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि परिसर में निर्माणाधीन मंदिरों के लिए राजस्थान और गुजरात से लगभग दो हजार कारीगर व श्रमिक लौट आए हैं। इसके साथ ही सभी निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर फिर शुरू कर दिया गया है।
22 जनवरी को एक बार फिर उत्सव मनाए जाने की तैयारी
दरअसल, आगामी 22 जनवरी को श्रीराम जन्मभूमि परिसर में एक बार फिर उत्सव मनाए जाने की तैयारी है। इसके पहले श्रीराम मंदिर के शिखर और अन्य मंदिरों के कार्य को पूरा करने का लक्ष्य है। इसी परिप्रेक्ष्य में 25 नवम्बर को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की अहम बैठक होने जा रही है, जिसमें मंदिर निर्माण का विवरण प्रस्तुत किया जाएगा। साथ ही 22 जनवरी के कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने पर भी मंथन होगा।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की अहम बैठक 25 नवम्बर को
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के आश्रम मणिरामदास छावनी में प्रस्तावित एक दिवसीय बैठक में नव सदस्यों की पहुंचने की संभावना है और अन्य सदस्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ेंगे। प्राप्त जानकारी के मुताबिक बैठक में मुख्य रूप से राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार के अलावा सप्त मंडपम व परकोटे में निर्माणाधीन मंदिरों में मूर्तियों की प्रतिष्ठा का भी प्रस्ताव होगा और 22 जनवरी के वार्षिक आयोजन पर भी मंथन किया जाएगा।
ट्रस्ट के सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्र के अनुसार राम मंदिर निर्माण का कार्य अपनी गति से किया जा रहा है। आगामी समय में होने वाले आयोजनों को लेकर इस बैठक में विचार विमर्श किया जाएगा। इसके साथ ही परिसर में यात्री सुविधाओं को सुगम बनाए जाने को लेकर भी चर्चा की जाएगी। बैठक में सभी सदस्यों की राय पर कोई भी निर्णय लिया जाता है। बैठक से पहले ट्रस्टी राम मंदिर परिसर में निर्माण कार्य का जायजा लेंगे।
मंदिर के 800 मीटर की परिधि में परकोटे का निर्माण किया जा रहा
उल्लेखनीय है कि श्रीराम जन्मभूमि परिसर में राम मंदिर के शिखर निर्माण के साथ मंदिर के 800 मीटर की परिधि में परकोटे का निर्माण किया जा रहा है। यहां छह मंदिरों के निर्माण का कार्य भी चल रहा है। इसके अलावा परिसर शेषावतार और सप्त मंडपम का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें महर्षि वाल्मीकि, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषाद राज, माता अहिल्या और शबरी की मूर्ति को स्थापित किया जाएगा। ट्रस्ट के अनुसार इन कार्यों को पूरा करने के लिए लगभग 2000 मजदूर कार्य कर रहे हैं।