समलैंगिक विवाह : सीजेआई चंद्रचूड़ की अगुआई में संविधान पीठ करेगी याचिका पर सुनवाई
नई दिल्ली, 15 अप्रैल। सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ को अधिसूचित किया है, जो समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस रवींद्र भट, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा 18 अप्रैल से इस मामले की सुनवाई करेंगे।
कानून के तहत समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की मांग
याचिकाओं के समूह ने कानून के तहत समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की मांग की है। इसमें याचिकाकर्ताओं ने तर्क देते हुए कहा कि अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी करने का अधिकार LGBTQIA+ नागरिकों को भी मिलना चाहिए जबकि केंद्र सरकार ने समलैंगिक जोड़ों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं का विरोध किया है।
केंद्र सरकार ने किया है याचिकाओं का विरोध
शीर्ष अदालत के समक्ष दायर एक हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा कि भागीदारों के रूप में एक साथ रहना और समान लिंग वाले व्यक्तियों द्वारा यौन संबंध बनाना भारतीय परिवार इकाई की अवधारणा के साथ तुलनीय नहीं है, जिसमें ऐसे विवाह से पैदा हुए बच्चों के साथ जैविक पुरुष और जैविक महिला शामिल हैं।
जमीयत-उलमा-ए-हिन्द ने भी की है मुखालफत
इस्लामिक धार्मिक संस्था जमीयत-उलमा-ए-हिन्द द्वारा भी इसी तरह के विचार व्यक्त किए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि समान लिंग विवाह जैसी धारणाएं पश्चिमी संस्कृति से उत्पन्न होती हैं, जिनके पास कट्टरपंथी नास्तिक विश्वदृष्टि है और इसे भारत पर थोपा नहीं जाना चाहिए।