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‘पत्रकारों के नहीं, राहुल गांधी के बहिष्कार से होगा कांग्रेस का भला’, भाजपा ने कसा तंज

‘पत्रकारों के नहीं, राहुल गांधी के बहिष्कार से होगा कांग्रेस का भला’, भाजपा ने कसा तंज

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नई दिल्ली, 16 सितंबर। भाजपा ने विभिन्न समाचार चैनलों के 14 एंकर का बहिष्कार करने के विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के फैसले को लेकर कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि मीडिया या किसी अन्य संस्थान से दूर रहने से उसे कोई फायदा नहीं होगा, बल्कि वह राहुल गांधी का बहिष्कार करे तो पार्टी को फायदा हो सकता है क्योंकि उनके पास ताकत नहीं है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने संवाददाताओं से कहा कि भारत में ऐसी कोई संस्था नहीं है, जिस पर इस विपक्षी गठबंधन ने हमला नहीं किया हो, चाहे वह निर्वाचन आयोग हो या अदालतें।

भाजपा प्रवक्ता ने पूछा कि विपक्षी गठबंधन जिन पत्रकारों का बहिष्कार करेगा, क्या वे उसके निशाने पर हैं और क्या यह संकेत है कि उन पर आपराधिक मामले दर्ज किए जाएंगे और उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने सवाल किया कि अगर कल गए इनकी पार्टियों के सदस्यों सहित कोई इन एंकर पर शारीरिक रूप से क्षति पहुंचाने के लिए हमला करता है तो कौन जिम्मेदार होगा। उन्होंने कहा कि सभी संस्थाएं अपना काम बखूबी कर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई ऐसा व्यक्ति है, जिसे कांग्रेस को अपने फायदे के लिए बहिष्कार करना चाहिए, तो उनका नाम राहुल गांधी है… आपके नेता के पास ताकत नहीं है। आप किन-किन लोगों का बहिष्कार करेंगे? अगर आपको बहिष्कार करना है और आगे बढ़ना है, तो अपने नेता का बहिष्कार करें।’’

पात्रा ने दावा किया कि कांग्रेस नेता मोहब्बत की बात करते हैं, लेकिन नफरत बेचते हैं। कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला द्वारा पाकिस्तान के साथ वार्ता की वकालत किए जाने को लेकर विपक्ष पर निशाना साधते हुए पात्रा ने कहा कि यह टिप्पणी कश्मीर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सुरक्षाकर्मियों की शहादत के तुरंत बाद आई है। उन्होंने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन को पत्रकारों के बजाय ऐसे नेताओं का बहिष्कार करना चाहिए। उन्होंने कांग्रेस नेता की निंदा करते हुए कहा, सोज ने केंद्र सरकार से आतंकवादियों की सोच को समझने की कोशिश करने को कहा है।

उन्होंने कहा कि यह बहुत दर्दनाक और दुर्भाग्यपूर्ण बयान है। पात्रा ने अभिव्यक्ति की पूर्ण स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के लिए जवाहरलाल नेहरू द्वारा लाए गए पहले संशोधन, इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल और राजीव गांधी द्वारा प्रस्तावित मानहानि कानून का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस का मीडिया के पीछे पड़ने का इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया, जबकि बिहार के मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के नेता चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को निशाना बनाया।

उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन द्वारा ऐसे नेताओं का बहिष्कार नहीं किया जाता है, बल्कि उन पत्रकारों का बहिष्कार किया जाता है, जो इन पार्टियों से उनके शासन वाले राज्यों में भ्रष्टाचार के बारे में सवाल करते हैं और जी20 तथा भारत के बारे में ‘अच्छी बातें’ कहते हैं। पात्रा ने कहा, ‘‘नेता भगवान पर सवाल उठा सकते हैं, लेकिन पत्रकार इन नेताओं पर सवाल नहीं उठा सकते।’’ भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों के गठबंधन ने 14 एंकरों के बहिष्कार का फैसला किया है, क्योंकि वे उनके सवालों से असहज थे और जवाब नहीं देना चाहते थे।

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