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कांग्रेस का प्रहार : 24.82 करोड़ भारतीयों को गरीबी से उबारने का मोदी सरकार का दावा सिर्फ झूठ का गुब्बारा

कांग्रेस का प्रहार : 24.82 करोड़ भारतीयों को गरीबी से उबारने का मोदी सरकार का दावा सिर्फ झूठ का गुब्बारा

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नई दिल्ली, 18 जनवरी। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि पिछले नौ वर्षों में लगभग 25 करोड़ लोगों को गरीबी स्तर से बाहर निकालने का उसका दावा सिर्फ झूठ का नया गुब्बारा है और गरीबों के खिलाफ बहुत बड़ी साजिश है।

पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेता ने गुरुवार को यहां कांग्रेस मुख्यालय पर आहूत मीडिया कॉन्फ्रेंस में सरकार के दावों को झूठ का पुलिंदा करार देते हुए इन लाइनों से अपनी बात शुरू की, – ‘तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे हैं, ये दावा किताबी है’ – ये लाइनें मोदी सरकार पर चरितार्थ होती हैं।

कांग्रेस नेत्री ने कहा कि अब मोदी सरकार ने एक नया गुब्बारा छोड़ा है। बताया जा रहा है कि पिछले नौ वर्षों में 24.82 करोड़ भारतीयों को गरीबी से उबार दिया गया है। लेकिन असल में यह गरीब के खिलाफ एक बहुत बड़ी साजिश है। सरकार का यह दावा जमीनी हकीकत के विपरीत है, इसमें चार बड़ी समस्याएं हैं।

  • यदि गरीबों की संख्या घट गई है, तो उपभोग क्यों नहीं घट रहा है?
  • यदि गरीबी 11.7% तक गिर चुकी है, यानी सिर्फ 15 करोड़ लोग ही गरीब हैं तो सरकार 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन क्यों दे रही है?
  • NITI आयोग के इस दावे का समर्थन किसी भी थर्ड पार्टी ने क्यों नहीं किया? वर्ल्ड बैंक, IMF किसी ने तो यह बात मानी होती।
  • NITI आयोग के गरीबी नापने के स्थापित मानक हैं, फिर ऐसे मानकों को क्यों चुना गया, जो सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं पर आधारित है?

इस वित्तीय वर्ष में उपभोग की वृद्धि दर 4.4% पर आ गिरी है

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि हाल ही में एक ग्रोथ नंबर आया था, जिस पर सरकार सीना ठोक रही थी। उसी GDP नंबर में उपभोग का भी डेटा सामने आया। डेटा दिखाता है कि इस वित्तीय वर्ष में उपभोग की वृद्धि दर 4.4% पर आ गिरी है, जो पिछले वित्तीय वर्ष में 7.5% थी। यानी उपभोग लगातार कम हो रहा है। लेकिन मोदी सरकार की मानें तो देश के 25 करोड़ लोग अब गरीब नहीं रहे। जब गरीब नहीं रहे तो फिर वे रोजमर्रा के सामान क्यों नहीं ख़रीद रहे? दरअसल, यह 25 करोड़ लोगों को ‘फ्री राशन’ से वंचित करने की एक साजिश है।

UPA सरकार ने 27 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला था

कांग्रेस प्रवक्ता ने दावा किया कि UPA सरकार ने 27 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला था। वर्ल्ड बैंक ने उस आंकड़े पर थर्ड पार्टी रिपोर्ट की पुष्टि की और इसे सही माना। लेकिन मोदी सरकार अपने ही मुंह मियां मिट्ठू बन रही है। यहां NITI आयोग ने खुद ही अनुमान लगाया, खुद ही सर्वे कराया, खुद ही रिपोर्ट बनाई और खुद की रिपोर्ट को प्रचारित भी किया। फिर PM मोदी और उनके मंत्रिमंडल ने इस रिपोर्ट की वाहवाही की। असल में मोदी सरकार सिर्फ गरीबों का मखौल नहीं उड़ा रही, बल्कि वह पूरे देश का मजाक बना रही है।

ताजा रिपोर्ट 10 वर्षों की मोदी सरकार की विफलताओं का सबसे बड़ा प्रमाण

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि गगनचुंबी इमारतों और AC कमरों में बैठकर, मनमुताबिक सरकारी योजनाओं के बल पर गरीबी से जुड़ा एक सर्वे रिलीज कर दिया गया। यह 10 वर्षों की मोदी सरकार की विफलताओं का सबसे बड़ा प्रमाण है, जिसमें मोदी सरकार गरीबी, भुखमरी, आर्थिक असमानताओं, बेरोजगारी और महंगाई का समाधान ढूंढने की बजाय, झूठ का सहारा ले रही है।

मणिपुर हिंसा के लिए सिर्फ और सिर्फ नरेंद्र मोदी जिम्मेदार

मणिपुर हिंसा को लेकर पीएम मोदी को जिम्मेदार ठहराते हुए  सुप्रिया श्रीनेत कहा कि आठ महीने से मणिपुर हिंसा और उग्रता का दंश झेल रहा है। आठ महीने से महिलाएं असुरक्षित हैं। बच्चे राहत कैंपों में रहने के लिए मजबूर हैं। कई हिस्सों में कर्फ्यू है। 24 घंटे पहले एक सुरक्षाकर्मी की हत्या हो जाती है। अगर सब ठीक है तो मणिपुर में ये सब क्यों हो रहा है? प्रधानमंत्री के पास आठ महीने में आठ मिनट का समय मणिपुर जाने के लिए नहीं है? ये दिखाता है कि सरकार असंवेदनशील है और मणिपुर के हालात के लिए सिर्फ और सिर्फ नरेंद्र मोदी जिम्मेदार हैं।’

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