महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट : सीएम उद्धव ठाकरे ने मानी हार, पुत्र आदित्य ने ट्विटर प्रोफाइल से हटाया ‘मंत्री’ पद
मुंबई, 22 जून। महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक संकट के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लगभग 27 घंटे की कश्मकश के बाद हार मान ली है। उन्होंने संकेत दे दिया है कि अब बागी एकनाथ शिंदे को नहीं मनाया जा सकता। इसका सीधा मतलब है कि उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद छोड़ना होगा। इसके साथ ही, शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार का आखिरी वक्त आ गया।
दो दिनों से जारी घटनाक्रम का दिलचस्प पहलू यह है कि उद्धव ठाकरे को उसी मोर्चे पर मात खानी पड़ी, जिसका वह दंभ भरते थे। बागी शिवसैनिकों के गुट ने इसी आरोप के साथ उन्हें आधे कार्यकाल में ही सत्ता की कुर्सी से उतार दिया कि उन्होंने अपने पिता बाला साहेब ठाकरे की हिन्दुत्व की राह छोड़ दी है।
आदित्य ठाकरे ने बदला ट्विटर बायो
बहरहाल, उद्धव के संकेत के बाद उनके पुत्र आदित्य ठाकरे ने अपना ट्विटर प्रोफाइल बदल लिया है और नई प्रोफाइल में खुद के मंत्री होने की बात हटा ली है। हालांकि, जब तक विधानसभा में शक्ति परीक्षण नहीं हो जाए या फिर बिना शक्ति परीक्षण के ही मुख्यमंत्री अपना त्यागपत्र राज्यपाल को नहीं सौंप दें, तब तक तो सरकार उद्धव ठाकरे की ही है, जिसमें आदित्य ठाकरे पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ पर्यटन और प्रोटोकॉल मंत्री हैं।
आदित्य पिछले ही हफ्ते शिंदे के साथ अयोध्या गए थे
गौरतलब है कि आदित्य ठाकरे ने पिछले ही हफ्ते एकनाथ शिंदे और संजय राउत के साथ अयोध्या का दौरा किया था और रमलला के दरबार में मत्था टेकने के अलावा अन्य मंदिरों में दर्शन-पूजन किया था। अब अयोध्या से लौटते ही शिंदे खेल कर दिया और अपने बागी तेवरों से उद्धव सरकार को संकट में डाल दिया।
राउत के दावे के तुरंत बाद बदलीं परिस्थितियां
आदित्य ठाकरे ने अपना ट्विटर प्रोफाइल ऐसे वक्त बदला, जब तनिक पहले ही शिवसेना प्रवक्ता और पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने दावा किया था कि उनका बागी गुट के मुखिया एकनाथ शिंदे से फोन पर एक घंटा बात हुई। उन्होंने दावा किया था कि दोनों तरफ से एक-दूसरे के प्रति सम्मान और श्रद्धा है। साथ ही रोष या विरोध की कोई बात नहीं है। हालांकि, मीडिया के सवालों पर उन्होंने यह भी कह दिया था कि ‘ज्यादा से ज्यादा क्या होगा, सत्ता जाएगी।’
संजय राउत ने यह भी कहा था कि सत्ता जाएगी तो आएगी भी। उनके इसी बयान से समझा जा रहा था कि शायद चीजें हाथ से निकल गई हैं और अब शिवसैनिकों के बीच सुलह की गुंजाइश खत्म हो गई है। इसके कुछ देर बाद ही आदित्य ठाकरे के प्रोफाइल में बदलाव ने इस अनुमान की पुष्टि भी कर दी।