रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट के घायलों से मिले सीएम सिद्धारमैया, डिप्टी सीएम शिवकुमार बोले – ‘हम नहीं चाहते कि बेंगलुरु में कोई डरे’
बेंगलुरु, 2 मार्च। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया रामेश्वरम कैफे विस्फोट में घायल हुए लोगों से मिलने के लिए शनिवार को अस्पताल पहुंचे। सीएम ने घायलों से मुलाकात की और उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों से रिपोर्ट ली। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को रामेश्वरम कैफे में हुए विस्फोट से 10 लोग घायल हुए थे।
ಬೆಂಗಳೂರಿನ ರಾಮೇಶ್ವರಂ ಕೆಫೆಯಲ್ಲಿ ಸಂಭವಿಸಿದ ಬಾಂಬ್ ಸ್ಪೋಟದಲ್ಲಿ ಗಾಯಗೊಂಡು ಬ್ರೂಕ್ ಫಿಲ್ಡ್ ಮತ್ತು ವೈದೇಹಿ ಆಸ್ಪತ್ರೆಗಳಲ್ಲಿ ಚಿಕಿತ್ಸೆ ಪಡೆಯುತ್ತಿರುವವರನ್ನು ಭೇಟಿಮಾಡಿ ಆರೋಗ್ಯ ವಿಚಾರಿಸಿ, ಶೀಘ್ರ ಗುಣಮುಖರಾಗುವಂತೆ ಹಾರೈಸಿದೆ.#BengaluruBlast pic.twitter.com/ApogxCdALz
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) March 2, 2024
हादसे की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ था कि एक व्यक्ति द्वारा कैफे में एक बैग छोड़ा गया, जिसमें आईईडी बम रखा था। बैग रखने के एक घंटे बाद यह ब्लास्ट हुआ। घटना की वीडियो फुटेज भी सामने आई है। इस पूरी घटना पर यहां की कांग्रेस सरकार बैकफुट पर है। वहीं, बीजेपी लगातार प्रदेश की सरकार पर सवाल खड़ी कर रही है।
इस बीच डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने घटना पर चिंता जताई और कहा, ‘हम नहीं चाहते कि बेंगलुरु में कोई डरे। प्रदेश की सरकार स्वच्छ और निष्पक्ष जांच के लिए बहुत प्रतिबद्ध है। हमने पुलिस अधिकारियों को खुली छूट दे दी है। केंद्रीय अपराध शाखा मामले की जांच कर रही है। 7-8 समूह काम के लिए पहले ही नियुक्तियां कर दी गई हैं और वे अपराधी का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। सौभाग्य से कोई बड़ी घटना नहीं हुई है। बेंगलुरु में किसी को भी डराने की जरूरत नहीं है। हम पुलिस को आदेश देंगे और निष्पक्ष जांच करेंगे। विस्फोट में इस्तेमाल किए गए उपकरण के साथ घटना की सभी कोणों से जांच की जा रही है।’
पूर्व सीएम बोम्मई ने सरकार को घेरा, बोले – मामले की एनआईए जांच हो‘
वहीं बेंगलुरु कैफे विस्फोट पर कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बसवराज बोम्मई ने कांग्रेस सरकार को घेरते हुए कहा, ‘यह सरकार पहले दिन से ही कानून व्यवस्था बनाए रखने में विफल रही है। राष्ट्र विरोधी तत्वों को सत्ताधारी दल के नेताओं से भरपूर समर्थन मिल रहा है। सभी गुंडा तत्व शहर में खुलेआम घूम रहे हैं और अब उनमें बेंगलुरु में बम रखने की हिम्मत आ गई है, यह एक बहुत ही गंभीर घटना है। इसलिए इस मामले की एनआईए जांच होनी चाहिए।’