महुआ के निष्कासन पर सीएम ममता का प्रहार – ‘भाजपा को शर्म आनी चाहिए, यह लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण’
कोलकाता, 8 दिसम्बर। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ के मामले में टीएमसी सासंद महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद किए जाने के बाद शुक्रवार को भाजपा पर जमकर प्रहार किया और उसपर प्रतिशोध की राजनीति का आरोप लगाया।
‘हमारी पार्टी विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. के साथ मिलकर लड़ेगी‘
टीएमसी प्रमुख ममता ने कहा, ‘भाजपा को शर्म आनी चाहिए। यह लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं आपको बता रही हूं कि महुआ (मोइत्रा) परिस्थितियों का शिकार है। मैं इसकी कड़ी निंदा करती हूं। हमारी पार्टी विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. के साथ मिलकर लड़ेगी।’
गौरतलब है कि शुक्रवार को दिन में मोइत्रा को ‘धन लेकर सवाल पूछने’ के मामले में सदन की सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया, जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। इससे पहले सदन में लोकसभा की आचार समिति की रिपोर्ट पर चर्चा के बाद उसे मंजूरी दी गई, जिसमें मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश की गई थी।
"They ditched the people
They ditched the Parliament
They ditched the Constitution"
– Smt. @MamataOfficial
The 17th Lok Sabha Session was a testament to BJP's deep rooted dictatorial tendencies as they shamelessly molded every rule in the book according to their convenience. pic.twitter.com/iloiW0bRPX
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) December 8, 2023
‘भाजपा हमें चुनाव में नहीं हरा सकती, इसलिए बदले की राजनीति का सहारा लिया‘
ममता बनर्जी ने कहा, ‘यह संसदीय लोकतंत्र के लिए शर्म की बात है। जिस तरह से महुआ मोइत्रा को निष्कासित किया गया, उसकी हम निंदा करते हैं, पार्टी उनके साथ खड़ी है। वे (भाजपा) हमें चुनाव में नहीं हरा सकते, इसलिए उन्होंने बदले की राजनीति का सहारा लिया है। यह दुखद दिन है और भारतीय संसदीय लोकतंत्र के साथ विश्वासघात है।’
‘मोइत्रा बड़े जनादेश के साथ संसद में लौटेंगी‘
टीएमसी प्रमुख ने आरोप लगाया कि भाजपा ने मोइत्रा को अपना पक्ष रखने की भी अनुमति नहीं दी, लेकिन वह (मोइत्रा) बड़े जनादेश के साथ संसद में लौटेंगी। भाजपा सोचती है कि पार्टी जो चाहे कर सकती है, क्योंकि उनके पास प्रचंड बहुमत है। उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि एक दिन ऐसा भी आ सकता है, जब वे सत्ता में नहीं रहेंगे।’