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नेपाल : काठमांडू में राजशाही समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प, कई इलाकों में कर्फ्यू, सड़कों पर उतरी सेना

नेपाल : काठमांडू में राजशाही समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प, कई इलाकों में कर्फ्यू, सड़कों पर उतरी सेना

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काठमांडू, 28 मार्च। भारत के निकटस्थ पड़ोसी नेपाल में शुक्रवार को राजशाही की बहाली व हिन्दू राष्ट्र की मांग कर रहे समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प से तनाव उत्पन्न हो गया। हिंसा के दौरान कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों ने कई घरों, इमारतों और वाहनों में आग लगा दी। जवाब में पुलिस ने भी आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियां दागीं। तनावपूर्ण स्थिति पर नियंत्रण के लिए नेपाली सेना को सड़कों पर उतारना पड़ा और प्रशासन ने टिंकुने, सिनामंगल और कोटेश्वर क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू कर दिया है।

प्रदर्शनकारियों के सुरक्षा घेरा तोड़ने की कोशिश के बाद हुई झड़प

स्थानीय मीडिया के अनुसार यह झड़प उस वक्त भड़की, जब प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा घेरा तोड़ने की कोशिश की और पुलिस पर पथराव किया। जवाब में पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस छोड़ी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने एक व्यावसायिक परिसर, शॉपिंग मॉल, एक राजनीतिक दल के मुख्यालय और एक मीडिया हाउस की इमारत में आग लगा दी, जिससे 12 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए. प्रदर्शन में राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (RPP) सहित कई अन्य राजशाही समर्थक समूह भी शामिल हुए।

देश में राजशाही की बहाली की मांग तेज

हजारों प्रदर्शनकारियों ने नेपाल का राष्ट्रीय ध्वज लहराते हुए और पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की तस्वीरें हाथ में लेकर “राजा आओ, देश बचाओ”, “भ्रष्ट सरकार मुर्दाबाद” और “हमें राजशाही वापस चाहिए” जैसे नारे लगाए। तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए सैकड़ों दंगा नियंत्रण पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है और कई युवाओं को कर्फ्यू का उल्लंघन करने के आरोप में हिरासत में लिया गया है।

 

पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह के समर्थन में लगे नारे – “राजा आओ, देश बचाओ”

गौरतलब है कि नेपाल में संसद द्वारा 2008 में राजशाही समाप्त कर दी गई थी, जिससे यह एक धर्मनिरपेक्ष, संघीय, लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया। हालांकि, हाल ही में राजशाही की बहाली की मांग तेज हो गई है, खासकर जब पूर्व राजा ज्ञानेंद्र ने 19 फरवरी को लोकतंत्र दिवस के अवसर पर जनता से समर्थन की अपील की थी।

इस माह की शुरुआत में जब ज्ञानेंद्र धार्मिक यात्रा से लौटे तो त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बड़ी संख्या में राजशाही समर्थकों ने उनका स्वागत किया था। प्रदर्शनकारियों ने “राजा वापस आओ, देश बचाओ”, “हमें राजशाही चाहिए” जैसे नारे लगाए। कुछ समर्थकों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें भी ज्ञानेंद्र के साथ प्रदर्शित कीं।

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