बांग्लादेश में फिर बवाल : यूनुस सरकार के नए कानून के खिलाफ सिविल सेवक भड़के, अर्धसैनिक बल तैनात
ढाका, 27 मई। बांग्लादेश में फिर सियासी बवाल शुरू हो गया है। इसकी वजह यह है कि मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के विवादास्पद नए सेवा कानून के खिलाफ सिविल सेवक भड़क उठे हैं। लगातार चौथे दिन उनके विरोध प्रदर्शन का यह नतीजा रहा कि युनूस सरकार को सचिवालय में मंगलवार को अर्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा।
बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी), पुलिस की विशेष हथियार और रणनीति (एसडब्ल्यूएटी) इकाई और कुलीन अपराध विरोधी रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) के कर्मियों को सचिवालय परिसर के प्रमुख प्रवेश बिंदुओं पर तैनात किया गया है, जिसमें विभिन्न मंत्रालय और महत्वपूर्ण प्रशासनिक कार्यालय हैं।

ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (डीएमपी) ने सचिवालय क्षेत्र में और उसके आसपास रैलियों और सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया। पत्रकारों और आगंतुकों को भी परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया गया, जिससे बढ़ती अशांति के बीच प्रतिबंध कड़े हो गए।
विरोध प्रदर्शन राष्ट्रीय चुनावों की मांग करने वाले व्यापक आंदोलन की पृष्ठभूमि में सामने आ रहे हैं, जिसमें अंतरिम प्रशासन के नौ महीने के कार्यकाल को लेकर निराशा बढ़ रही है। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट पर गौर करें तो अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद से देश में कानून और व्यवस्था की स्थिति खराब हो गई है, जिससे निर्वाचित नेतृत्व की मांग तेज हो गई है।
सरकारी कर्मचारी इसलिए कर रहे विरोध
प्रदर्शनों का केंद्र रविवार को राष्ट्रपति द्वारा जारी लोक सेवा (संशोधन) अध्यादेश, 2025 का विरोध है। अध्यादेश सरकार को औपचारिक विभागीय कार्यवाही को दरकिनार करते हुए कारण बताओ नोटिस के माध्यम से अनुशासनात्मक अपराधों की चार श्रेणियों के लिए कर्मचारियों को बर्खास्त करने की अनुमति देता है।
प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने अध्यादेश की निंदा करते हुए इसे ‘अवैध काला कानून’ बताया है। सचिवालय में स्थित सभी कर्मचारी संगठनों ने अध्यादेश वापस लिए जाने तक अपना प्रदर्शन जारी रखने की कसम खाई है। अंतरिम सरकार से संबद्ध छात्र-नेतृत्व वाले समूह जुलाई मंच द्वारा किए गए प्रदर्शनों के कारण भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है, जिसने सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ जवाबी विरोध प्रदर्शन शुरू किया है। राजधानी में तनाव बढ़ने के कारण अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं।
