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मकर संक्रांति से महाशिवरात्रि तक चलेगा महाकुम्भ, चंपत राय ने जताई उम्मीद – बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ सकते हैं अयोध्या

मकर संक्रांति से महाशिवरात्रि तक चलेगा महाकुम्भ, चंपत राय ने जताई उम्मीद – बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ सकते हैं अयोध्या

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अयोध्या, 1 दिसम्बर। श्रीराम मंदिर जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने उम्मीद जताई है कि प्रयागराज में अगले माह लगने वाले महाकुम्भ के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या आ सकते हैं। ऐसे में राम नगरी में उपलब्ध सुविधओं को और बढ़ाने की जरूरत पड़ेगी।

उल्लेखनीय है कि श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में श्रद्धालुओं और पर्यटन की संख्या काफी बढ़ गई है। इसके साथ ही यहां की सुविधाओं में भी बड़ा परिवर्तन आया है। वहीं विभिन्न प्रदेश के होटल और धर्मशालाएं भी बढ़ रहे हैं।

प्रतिदिन 70 से 80 हजार लोग रामलला का दर्शन करने आ रहे

चंपत राय ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि आज सारा देश अयोध्या आ रहा है। श्रीराम जन्मभूमि पर प्रतिदिन 70 से 80 हजार लोग दर्शन कर रहे हैं। 1990 का वह काल भी जानते हैं, जब यहां पर रोटी मिलना भी मुश्किल था। यहां पर कोई होटल भी नहीं था।

उन्होंने कहा कि अयोध्या एक छोटी सी नगरी है, यहां साधुओं की आबादी ज्यादा है और गृहस्थों की संख्या कम है। यहां कोई उद्योग और व्यापार नहीं है। तीर्थयाटन ही यहां की आय हैं। जैसे-जैसे यहां पर मंदिर बन रहा है, तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ रही है तो अयोध्या का भौतिक विकास भी बहुत हो रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या के लिए लगभग 36,000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।’

महाकुम्भ के दौरान 2-4 लाख लोग भी प्रतिदिन अयोध्या आ गए तो क्या होगा

चंपत राय ने कहा कि आगामी प्रयागराज में मकर संक्रांति से महाशिवरात्रि तक कुम्भ मेला है। अपेक्षा है कि 25 से 30 करोड़ लोग महाकुम्भ में पुण्य स्नान के लिए आएंगे। यह संभावना हो सकती है। इनमें से यदि 2 से 4 लाख श्रद्धालु भी प्रतिदिन अयोध्या आ गए तो क्या होगा।

उन्होंने कहा, ‘यद्यपि सरकार के मन में है कि महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या की 25 प्रतिशत जनता अयोध्या आएगी जबकि 10 प्रतिशत भी यहां के लिए बहुत होता है। ऐसे में यहां पर कुछ आवश्यकताओं की जरूरत पड़ेगी। इस पर विचार किया जा रहा है। जब समाज और देश के लोग यहां पर आते हैं तो यहां से एक अच्छी विचारधारा के सोच को लेकर वापस जाएं, यही विचार है।’

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