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मोदी सरकार के फैसले : ऑटो, ड्रोन क्षेत्रों के लिए 26,058 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी

मोदी सरकार के फैसले : ऑटो, ड्रोन क्षेत्रों के लिए 26,058 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी

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नई दिल्ली, 15 सितम्बर। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ऑटो, ऑटो कलपुर्जा और ड्रोन उद्योग के लिए 26,058 करोड़ रुपये की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णयों की बुधवार को जानकारी दी।

7.6 लाख से ज्यादा लोगों को अतिरिक्त रोजगार मिलने की उम्मीद

अनुराग ठाकुर ने मीडिया को बताया कि पीएलआई योजना भारत में उन्नत ऑटोमोटिव तकनीक की वैश्विक आपूर्ति सीरीज के विकास को प्रोत्साहित करेगी। इस कदम से 7.6 लाख से ज्यादा लोगों को अतिरिक्त रोजगार मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि उद्योग को पांच वर्षों में 26,058 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा। पीएलआई योजना के तहत पांच वर्षों में 42,500 करोड़ रुपये से ज्यादा का नया निवेश होगा और 2.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वृद्धिशील उत्पादन होगा।

दूरसंचार क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रक्षा उपायों के साथ दूरसंचार क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी दी है। वस्तुतः मंत्रिमंडल ने नौ संरचनात्मक सुधारों को मंजूरी दी और स्पेक्ट्रम प्रयोगकर्ता शुल्क को सुसंगत बनाया है। दूरसंचार कम्पनियों को सांविधिक बकाये के भुगतान को लेकर चार वर्ष की मोहलत दी गई है। संबंधित कम्पनियां मोहलत अवधि के दौरान ब्याज का भुगतान करेंगी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि मंत्रिमंडल ने समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) परिभाषा को युक्तिसंगत बनाया है। साथ ही  दूसंचार कम्पनियों की गैर-दूरसंचार आय को कानूनी शुल्कों के भुगतान से अलग किया गया है।

ड्रोन के लिए 120 करोड़ की पीएलआई स्कीम स्वीकृत

उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने ड्रोन और उसके कंपोनेंट से जुड़े कामों के लिए 120  करोड़ रुपये की पीआईएल यानी इंसेटिव स्कीम पेश की है। इस पर इन कम्पनियों को इंसेटिव मिलेगा। ड्रोन के मामले में भारत आज बराबरी में खड़ा है। आज टर्न ओवर 80 करोड़ है, लेकिन राहत 120  करोड़ की है। ड्रोन नई फील्ड हैं। इसमें स्टार्टअप और एमएसएमई होंगी। जो भी इंडियन स्टार्टअप हैं, वो ड्रोन के लिए सालाना टर्नओवर दो करोड़ रुपये और कंपोनेंट के लिए 0.5 करोड़ रुपये का रहेगा।

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