सीडीएस जनरल रावत का आखिरी वीडियो संदेश – ‘अपनी सेनाओं पर हमें है गर्व, आओ मिलकर मनाएं विजय पर्व’
नई दिल्ली, 12 दिसंबर। तमिलनाडु के कुन्नूर में गत आठ दिसंबर को हेलीकॉप्टर हादसे में अपनी जान गंवाने वाले देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने निधन से एक दिन पहले एक वीडियो मैसेज रिकॉर्ड किया था, जिसमें उन्होंने 1971 की जंग में जीत की बधाई दी थी। साथ ही उस युद्ध में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि भी दी थी।
‘स्वर्णिम विजय पर्व‘ में दिखाया गया जनरल का वीडियो मैसेज
जनरल रावत का यह आखिरी वीडियो मैसेज 1971 युद्ध के 50 वर्ष पूरे होने पर मनाए जा रहे ‘स्वर्णिम विजय पर्व’ में दिखाया गया। इसी कार्यक्रम के लिए उनका यह वीडियो सात दिसंबर को रिकॉर्ड किया गया था जबकि अगले दिन हुए दुखद हादसे में जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका और 11 सैन्यकर्मियों सहित कुल 13 लोगों की मौत हो गई थी।
जनरल रावत ने इस वीडियो में कहा था, ‘स्वर्णिम विजय पर्व के अवसर पर मैं भारतीय सेना के सभी बहादुर जवानों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। भारतीय सेना की 1971 की लड़ाई में जीत की 50वीं वर्षगांठ को हम विजय पर्व के तौर पर मना रहे हैं। मैं इस पावन पर्व पर सशस्त्र सेनाओं के वीर जवानों को याद करते हुए उनके बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।’
स्वर्णिम विजय पर्व के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया था, ’12 से 14 दिसंबर तक इंडिया गेट पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। ये बड़े सौभाग्य की बात है कि विजय पर्व अमर जवान ज्योति की लौ की छांव में आयोजित किया जा रहा है, जोकि हमारे वीर शहीदों की याद में स्थापित की गई थी। हम सभी देशवासियों को इस विजय पर्व के जश्न में सम्मिलित होने के लिए आमंत्रित करते हैं। अपनी सेनाओं पर हमें है गर्व, आओ मिलकर मनाएं विजय पर्व। जय हिंद।’
राजनाथ सिंह बोले – काफी उत्साहित थे जनरल रावत
इस बीच केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्वर्णिम विजय पर्व के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘जनरल रावत के निधन से एक बहादुर सैनिक, सलाहकार और जिंदादिल इंसान को खोया है। वह इस विजय पर्व के आयोजन को लेकर बेहद उत्साहित थे। कई बार इस कार्यक्रम के स्वरूप को लेकर उन्होंने मुझसे चर्चा की थी, इसलिए मुझे उनकी कमी काफी महसूस हो रही है।’ उन्होंने बताया कि पहले इस कार्यक्रम को बहुत ही भव्य तरीके से मनाने की तैयारी थी, लेकिन जनरल रावत समेत 13 लोगों की मौत के बाद इसे सादगी से मनाने का फैसला लिया गया है।