नई दिल्ली, 25 जून। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (SBSE) ने 2026 से वर्ष में दो बार कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के लिए नए मानदंडों को मंजूरी दी है, जो नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में अनुशंसित एक कदम है। स्वीकृत मानदंडों के अनुसार, शीतकालीन सत्र में भाग लेने वाले स्कूलों के सीबीएसई कक्षा 10 के छात्रों को किसी भी चरण में बोर्ड परीक्षा में बैठने का विकल्प मिलेगा।
सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने बुधवार को इस आशय की घोषणा की। परीक्षा का पहला चरण फरवरी में आयोजित किया जाएगा और फिर मई में दूसरा चरण होगा, जिससे छात्रों को अपनी बोर्ड परीक्षाओं में बैठने के लिए अधिक लचीलापन और कई अवसर मिलेंगे। दोनों चरणों के परिणाम क्रमशः अप्रैल और जून में घोषित किए जाएंगे।
आंतरिक मूल्यांकन केवल एक बार आयोजित किया जाएगा
सीबीएसई के अनुसार, कक्षा 10 के छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षा के पहले चरण में उपस्थित होना अनिवार्य है जबकि दूसरा चरण वैकल्पिक होगा। कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षाएं वर्ष में दो बार आयोजित करने के नए सीबीएसई मानदंडों के अनुसार, आंतरिक मूल्यांकन केवल एक बार आयोजित किया जाएगा।
सीबीएसई ने फरवरी में मसौदा मानदंडों की घोषणा की, जिन्हें हितधारकों की प्रतिक्रिया के लिए सार्वजनिक डोमेन में रखा गया था। नई एनईपी ने सिफारिश की है कि बोर्ड परीक्षाओं के ‘उच्च-दांव’ पहलू को खत्म करने के लिए, सभी छात्रों को किसी भी स्कूल वर्ष के दौरान दो मौकों पर परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी।
छात्रों के लिए पहले चरण में भागीदारी अनिवार्य होगी
परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा, ‘छात्रों के लिए पहले चरण में शामिल होना अनिवार्य होगा जबकि दूसरा चरण वैकल्पिक होगा। छात्रों को विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान और भाषाओं में से किसी भी तीन विषयों में अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने की अनुमति दी जाएगी।’
