भ्रष्टाचार केस : जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के खिलाफ CBI ने दाखिल की चार्जशीट
जम्मू, 22 मई। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने कीरू जलविद्युत परियोजना के लिए 2,200 करोड़ रुपये के कार्यों के ठेके में कथित भ्रष्टाचार के मामले में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक और पांच अन्य के खिलाफ गुरुवार को आरोपपत्र दायर किया है। सीबीआई ने तीन वर्षों तक चली जांच के बाद एक विशेष अदालत के समक्ष अपनी रिपोर्ट पेश की है।
2022 में जम्मू-कश्मीर सरकार की सिफारिश पर दर्ज किया गया था मामला
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने अप्रैल, 2022 में जम्मू-कश्मीर सरकार के अनुरोध पर सत्यपाल मलिक के खिलाफ मामला दर्ज किया था। मलिक अगस्त, 2018 से अक्तूबर, 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे।
तबीयत बिगड़ने के बाद मलिक लोहिया अस्पताल में भर्ती
इस बीच सीबीआई की ओर से चार्जशीट दाखिल होने के बाद सत्यपाल मलिक के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर एक अपडेट पोस्ट किया गया, जिसमें बताया गया कि उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है और फिलहाल वह किसी से बात करने में असमर्थ हैं। पोस्ट में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल की अस्पताल के बिस्तर पर लेटी हुई तस्वीर भी शामिल है।
नमस्कार साथियों।
मेरे बहुत से शुभचिंतकों के फ़ोन आ रहे हैं जिन्हें उठाने में मैं असमर्थ हूं।अभी मेरी हालत बहुत खराब है मैं किसी से भी बात करने की हालत में नहीं हूं। 11 मई से राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती हू। संक्रमण की शिकायत के चलते अस्पताल में भर्ती किया गया था। अब… pic.twitter.com/yTWGxuHkyC— Satyapal Malik (@SatyapalMalik6) May 22, 2025
सत्यपाल मलिक ने एक्स पर लिखा कि वह राम मनोहर लोहिया अस्पातल में भर्ती हैं और किसी से बात करने की स्थिति में नहीं हैं। उन्हें कई शुभचिंतकों के फोन आ रहे हैं, जिनका वह जवाब नहीं दे पा रहे हैं। संक्रमण की शिकायत के चलते अस्पताल में भर्ती किया गया था। अब स्थिति बहुत गंभीर है और पिछले तीन दिनों से किडनी डायलिसिस की जा रही है।
पिछले वर्ष मलिक के दिल्ली स्थित आवास पर की गई थी छापेमारी
गौरतलब है कि पिछले वर्ष फरवरी में सीबीआई ने सत्यपाल मलिक के दिल्ली स्थित आवास के साथ-साथ उनके कई रिश्तेदारों और सहयोगियों के घरों पर छापेमारी की थी। ये छापे कीरू हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट के लिए 2,200 करोड़ रुपये के सिविल कॉन्ट्रैक्ट देने में कथित भ्रष्टाचार की जांच का हिस्सा थे।
मेघालय का राज्यपाल रहते भ्रष्टाचार के बारे में जताई थी चिंता
विशेष रूप से मलिक ने, जो मामले में ह्विसिलब्लोअर होने का दावा करते हैं, पहली बार अक्टूबर, 2021 में मेघालय के राज्यपाल के रूप में कार्य करते हुए भ्रष्टाचार के बारे में चिंता जताई थी।
राजस्थान में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था, “मेरी मंजूरी के लिए दो फाइलें आईं। सचिवों में से एक ने मुझसे कहा कि अगर मैं उन्हें मंजूरी देता हूं तो मुझे प्रत्येक के लिए 150 करोड़ रुपये मिल सकते हैं। मैंने यह कहते हुए मना कर दिया कि मैं कश्मीर में केवल पांच ‘कुर्ता-पजामा’ लेकर आया हूं और उन्हीं के साथ जाऊंगा।” मलिक के गंभीर आरोपों के बाद, जम्मू-कश्मीर सरकार ने दावों की पुष्टि करने और विवरणों की जांच करने के लिए सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।
