बिहार : प्रशांत किशोर के खिलाफ केस दर्ज, BPSC अभ्यर्थियों को उकसाने व सड़क पर हंगामा कराने का आरोप
पटना, 29 दिसम्बर। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के अभ्यर्थियों के हंगामे और प्रदर्शन के बाद जाने-माने चुनावी रणनीतिकार और राजनीतिक दल ‘जन सुराज पार्टी’ के सूत्रधार प्रशांत किशोर (PK) के खिलाफ रविवार की रात केस दर्ज किया गया।
600 से अधिक अज्ञात लोगों को भी अभियुक्त बनाया गया
पीके के नाम से लोकप्रिय प्रशांत किशोर के साथ जन सुराज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती सहित 19 से ज्यादा लोगों को अभियुक्त बनाया गया है। प्रशांत किशोर पर अभ्यर्थियों को उकसाने, सड़क पर लाने और हंगामा कराने की कई गंभीर धाराएं लगाई गई हैं। 600 से अधिक अज्ञात लोगों को भी अभियुक्त बनाया गया है।
दरअसल, रविवार को पटना के गांधी मैदान में बीपीएससी अभ्यर्थी ने धरना प्रदर्शन किया था जबकि जिला पुलिस प्रशासन ने अभ्यर्थियों को गांधी मैदान पर प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं दी थी। सुबह से ही पूरा गांधी मैदान पुलिस छावनी में तब्दील हो गया था।
पीके की अगुआई में सीएम हाउस जाते वक्त हुआ हंगामा
शाम होते-होते स्थिति बिगड़ गई, जब निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक सभी अभ्यर्थी प्रशांत किशोर की अगुआई में सीएम हाउस जाने लगे और पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इसके बाद अभ्यर्थियों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी और आगे बढ़ने की कोशिश की। छात्रों ने आम गाड़ियों को रोकना शुरू कर दिया और रास्ता जाम कर दिया। इसके बाद पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया। लाठीचार्ज के बाद आक्रोशित छात्रों का हंगामा और बढ़ गया।
हालांकि इसके बाद प्रशांत किशोर ने छात्रों से अपील की थी कि वो हंगामा न करें, बातचीत होगी। सरकार के प्रशासनिक अधिकारी ने आश्वासन दिया है कि सरकार अभ्यर्थियों की मांगों पर चर्चा के लिए तैयार है। छात्रों की पांच सदस्यीय कमेटी अभी मुख्य सचिव से बात करेगी ताकि उनकी समस्याओं और मांगों पर कुछ निर्णय लिया जा सके। इसके बाद ही छात्र आगे फैसला लेंगे। इस पूरे प्रदर्शन की अगुवाई प्रशांत किशोर ही कर रहे थे। उन्होंने सरकार को चेतावनी भी दी। यही वजह है कि पूरे मामले को लेकर प्रशात किशोर को आरोपित बनाया गया है।
कैनन और लाठीचार्ज के पहले प्रशांत किशोर मौके से चलते बने
इस बीच वाटर कैनन व लाठीचार्ज के बाद घायल प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि प्रशांत किशोर छात्रों को उकसाने के बाद खुद मौके से फरार हो गए। दिलचस्प यह रहा कि प्रशांत किशोर ने पहले प्रदर्शनकारियों को भरोसा दिलाया था कि यदि लाठीचार्ज का प्रयोग होगा, तो उन पर पहली लाठी चलेगी। लेकिन वाटर कैनन और लाठीचार्ज के पहले आक्रोश मार्च की अगुआई कर रहे प्रशांत कुमार वहां से चलते बने।
प्रशांत किशोर और कुछ अभ्यर्थियों के बीच नोकझोंक भी हुई
वहीं प्रदर्शन के दौरान प्रशांत किशोर और कुछ अभ्यर्थियों के बीच नोकझोंक भी हुई। प्रशांत किशोर का विरोध करने वाले छात्रों ने उन पर आंदोलन को हाईजैक करने का आरोप लगाया।
पीके बोले – ज्यादा होशियार बन रहे हो, चुप रहो…
प्रशांत किशोर को अभ्यर्थियों पर गुस्सा आया तो उन्होंने बहस कर रहे छात्र से कहा – ‘ज्यादा होशियार बन रहे हो, यहां आंदोलन में रहना है, तो रहो, नहीं तो चले जाओ।’ प्रशांत किशोर ने बहस कर रहे अभ्यर्थियों से यह भी कहा – ‘तमीज से बात करो, नहीं तो चुप रहो।’