1. Home
  2. हिन्दी
  3. राष्ट्रीय
  4. ज्ञानवापी केस : कथित शिवलिंग की नहीं कराई जाएगी कार्बन डेटिंग, वाराणसी की अदालत से हिन्दू पक्ष की मांग खारिज
ज्ञानवापी केस : कथित शिवलिंग की नहीं कराई जाएगी कार्बन डेटिंग, वाराणसी की अदालत से हिन्दू पक्ष की मांग खारिज

ज्ञानवापी केस : कथित शिवलिंग की नहीं कराई जाएगी कार्बन डेटिंग, वाराणसी की अदालत से हिन्दू पक्ष की मांग खारिज

0
Social Share

वाराणसी, 14 अक्टूबर। ज्ञानवापी मस्जिद में वीडियोग्राफी सर्वे के दौरान मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग नहीं कराई जाएगी। वाराणसी की जिला अदालत ने इस बारे में अपना फैसला शुक्रवार को सुना दिया। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए हिन्दू पक्ष की इस मांग खारिज कर दी कि कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराई जाए।

कार्बन डेटिंग के पक्ष में दलील पेश करने वाले वकील मदन मोहन यादव ने जिला न्यायालय के फैसले के बाद पत्रकारों से कहा, ‘जज ने कार्बन डेटिंग की मांग को खारिज कर दिया है। हम आदेश की कॉपी का इंतजार कर रहे हैं। उच्च न्यायालय जाने का विकल्प हमारे पास उपलब्ध है और हम अपनी बात उच्च न्यायालय के समक्ष भी रखेंगे।’

स्थानीय अदालत ने इससे पहले 11 अक्टूबर को कोर्ट ने कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक परीक्षण के मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला 14 अक्टूबर तक सुरक्षित रख लिया था।

क्या है कार्बन डेटिंग की मांग से जुड़ा मामला

दरअसल, ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक परीक्षण को लेकर सात अक्टूबर को हिन्दू पक्ष ने अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करते हुए दावा किया था कि वजूखाने में मिला शिवलिंग उनके वाद का हिस्सा है। हिन्दू पक्ष के स्पष्टीकरण पर मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ताओं ने अपना जवाब रखा था।

मुस्लिम पक्ष के वकील मुमताज अहमद ने अदालत से कहा है कि परिसर में मिली आकृति की कार्बन डेटिंग नहीं करायी जा सकती। उन्होंने कहा था, ‘दूसरा, हिन्दू पक्ष तोड़—फोड़ की बात कर रहा है, जिससे आकृति नष्ट हो सकती है जबकि सुप्रीम कोर्ट ने उसे संरक्षित रखने का आदेश दिया है। अगर कार्बन डेटिंग के नाम पर आकृति में तोड़ फोड़ की जाती है तो यह आदेश की अवहेलना होगी।’

गौरतलब है कि सिविल जज सीनियर डिवीजन के आदेश पर पिछले साल मई में हुई ज्ञानवापी परिसर की वीडियोग्राफी सर्वे के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में एक लम्बा और ऊपर से गोल पत्थर मिला था। हिन्दू पक्ष का दावा है कि वह शिवलिंग है, जबकि मस्जिद इंतजामिया कमेटी का कहना है कि वह शिवलिंग नहीं बल्कि फौव्वारे का हिस्सा है।

झारखंड के साइंटिस्ट प्रभु नारायण ने दाखिल की नई याचिका

इस बीच ज्ञानवापी से जुड़े मामले में एक और महत्वपूर्ण याचिका गुरुवार,13 अक्टूबर दायर की गई है। याचिका दायर करने वाले प्रभु नारायण झारखंड के एक साइंटिस्ट हैं। वह इंडियन साइंटिफिक रिसर्च सेंटर और फेलोशिपर सेंटर के चेयरमैन भी हैं। वह ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग से जुड़ा साक्ष्य वैज्ञानिक प्रमाण वाला पेश करेंगे।

अधिवक्ता अनुपम द्विवेदी ने बताया यह याचिका सभी केस के लिए बैक बोन साबित होगी। झारखंड के धुर्वा के रहने वाले पर्यावरणविद प्रभु नारायण ने मांग की है कि ज्ञानवापी परिसर में मौजूद श्रृंगार गौरी भगवान गणेश हनुमान समेत अन्य देवी-देवताओं के नियमित दर्शन पूजन सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के लिए वहां बनी मस्जिद को हटाकर मंदिर बनाया जाए। वहां गैर हिन्दुओं के प्रवेश पर रोक लगाई जाए। अनुपम द्विवेदी ने बताया कि अदालत में वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर उनके द्वारा सबूतों को पेश करके अपनी जमीनों को आगे बढ़ाया जाएगा।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code