यूपी : अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर 5 फरवरी को होगा उपचुनाव
नई दिल्ली, 7 जनवरी। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने आज दिल्ली विधानसभा चुनाव के साथ उत्तर प्रदेश में अयोध्या की बहुचर्चित मिल्कीपुर सीट के लिए भी उपचुनाव की घोषणा कर दी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मिल्कीपुर सीट पर पांच फरवरी को वोटिंग होगी और आठ फरवरी को गिनती के साथ परिणाम घोषित किया जाएगा।
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार उपचुनाव के निमित्त नामांकन आगामी दस जनवरी से 17 जनवरी तक किए जा सकेंगे। 18 जनवरी को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 20 जनवरी तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। बसपा ने पहले ही उपचुनाव से दूरी बना ली है। ऐसे में मुकाबला सपा और भाजपा के बीच ही होगा। मिल्कीपुर सीट लगातार सपा ही जीतती रही है। पिछली बार समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद ने यह सीट जीती थी।
उल्लेखनीय है कि राममंदिर उद्घाटन के तत्काल बाद हुए लोकसभा चुनाव में सपा ने अवधेश प्रसाद को ही अयोध्या से उतार दिया। अवधेश प्रसाद ने जीत हासिल की और मिल्कीपुर विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया। अवधेश प्रसाद के अयोध्या की लोकसभा सीट जीतने और भाजपा के हारने से पूरे देश में यह सीट चर्चा का विषय बन गई। सपा ने भी इसे खूब भुनाया। अवधेश प्रसाद को अखिलेश ने लोकसभा में अपने साथ सबसे आगे बैठाया।
मामला हाईकोर्ट में होने से टल गया उपचुनाव
लोकसभा चुनाव के बाद यूपी में मिल्कीपुर समेत कुल 10 सीटें रिक्त हुई थीं। महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव के एलान के साथ ही यूपी की दस में से नौ सीटों पर उपचुनाव का एलान हुआ, लेकिन मिल्कीपुर का उपचुनाव टाल दिया गया।
चुनाव आयोग ने मिल्कीपुर सीट का मामला हाई कोर्ट में होने के कारण उपचुनाव का एलान नहीं किया। ऐसे में सपा ने भाजपा पर हार के डर से चुनाव टालने का आरोप लगाया। इसके बाद से लगातार भाजपा और सपा के बीच मिल्कीपुर सीट को लेकर शब्दबाण चल रहे हैं।
सपा ने इस सीट से प्रत्याशी का भी एलान तभी कर दिया था। सपा की तरफ से अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को मैदान में उतारने का फैसला किया गया है। अब उपचुनाव की घोषणा होने से माना जा रहा है कि भाजपा भी जल्द प्रत्याशी का एलान कर देगी। जाहिर है कि इस उपचुनाव के जरिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव एक बार फिर आमने-सामने होंगे।
ऐसे साफ हुआ मिल्कीपुर में उपचुनाव का रास्ता
दरअसल, 2022 के उपचुनाव में अवधेश प्रसाद के जीतने के बाद भाजपा के गोरखनाथ ने हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में एक याचिका दायर की थी। गोरखनाथ का आरोप था कि अवधेश प्रसाद ने नामांकन पत्र के साथ जो हलफनामा लगाया है, उसके नोटरी का लाइसेंस पहले ही एक्सपायर हो चुका है। ऐसे में नामांकन अवैध है। उन्होंने अवधेश प्रसाद को अयोग्य ठहराने की मांग हाई कोर्ट से की थी। इसी बीच अवधेश प्रसाद जब लोकसभा का चुनाव जीतकर सांसद बने तो मिल्कीपुर सीट से इस्तीफा दे दिया।
सीट रिक्त तो हो गई, लेकिन हाई कोर्ट में याचिका लंबित होने से चुनाव आयोग ने इस सीट पर उपचुनाव का एलान नहीं किया। सपा ने इसे भी मुद्दा बनाया और भाजपा पर हमला किया। हार की आशंका में चुनाव टालने का आरोप लगाया। इसी बीच चुनाव का रास्ता साफ करने के लिए गोरखनाथ दोबारा हाई कोर्ट पहुंचे और अपनी याचिका वापस लेने की अपील दायर की। हाई कोर्ट से याचिका वापस लेने की अनुमति मिलते ही यहां पर चुनाव का रास्ता साफ हो गया।