लखनऊ, 9 नवंबर। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर बढ़ती जा रहीं राजनीतिक सरगर्मियों के बीच बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को घोषणा कर दी कि उनकी पार्टी किसी भी दल से गठबंधन नहीं करेगी और अकेले दम चुनाव लड़ेगी। इसी क्रम में बसपा सुप्रीमो ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) को एक ही सिक्के के दो पहलू करार देते हुए तीनों प्रमुख प्रतिद्वंद्वी पार्टियों – भाजपा, सपा व कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।
‘सीएम योगी की तरह मेरा भी कोई परिवार नहीं, सर्वसमाज ही मेरा परिवार’
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने यहां आहूत एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनका भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरह ही कोई परिवार नहीं है। सर्वसमाज ही उनका परिवार है। उन्होंने कहा, ‘ हम आगामी चुनाव में किसी भी दल से गठबंधन करने नहीं जा रहे हैं। हम समाज के हर वर्ग के लोगों को एक साथ लाने के लिए समझौता कर रहे हैं। यह गठबंधन स्थायी है।’
कांग्रेस के पास कोई जनाधार नहीं
कांग्रेस पर तंज करते हुए बसपा प्रमुख ने कहा कि 40 फीसदी टिकट देने की बात करने वाली पार्टी विधानसभा और लोकसभा में 35 फीसदी महिला आरक्षण नहीं दे पाई। कांग्रेस पार्टी उन्हीं राज्यों में ऐसी घोषणा कर रही है, जहां चुनाव होने हैं। कांग्रेस के पास कोई जनाधार नहीं है।
मायावती ने भाजपा और सपा की उनके दावों पर भी चुटकी ली कि आगामी विस चुनाव में वे क्रमशः 300 और 400 सीटें जीतने जा रही हैं। इन दावों को हवा-हवाई करार देते हुए उन्होंने कहा कि फिर चुनाव आयोग कुल सीटें बढ़ाकर 1000 ही कर दे।
‘मेरी पार्टी के कार्यकर्ता मुझे पांचवी बार मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं’
बसपा प्रमुख ने कहा कि सपा और भाजपा की राजनीतिक सोच एक-दूसरे की पूरक है। उन्होंने कहा कि सपा से सांठ-गांठ कर भाजपा जिन्ना जैसे गड़े मुर्दे उठकर चुनाव को हिन्दू-मुसलमान करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, ‘मेरी लड़ाई दोनों पार्टियों (सपा और भाजपा) से है। मेरी पार्टी के कार्यकर्ता मुझे पांचवी बार मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं।’
मायावती ने कहा कि अखिलेश एक रथ लेकर टिकटार्थी इकट्ठा कर माहौल बना रहे हैं, इससे कुछ नहीं होगा। यूपी में विधानसभा चुनाव आते ही बीजेपी और बाकी पार्टियों ने लोगों को बरगलाना शुरू कर दिया है। चुनाव में हार को देखते हुए बीजेपी अब थोक के भाव उद्घाटन, शिलान्यास का सिलसिला शुरू कर देगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा को जनता की चिंता होती तो पेट्रोल की कीमत और महंगाई नहीं बढ़ती। विधानसभा चुनाव में हार के डर से सरकार ने पेट्रोल की कीमत थोड़ी कम की है, लेकिन जनता इसका जवाब देगी। मुफ्त राशन और कई प्रलोभन भी दिए जा रहे है, जो चुनाव बाद खत्म हो जाएंगे।