बसपा प्रमुख मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को फिर बनाया अपना उत्तराधिकारी, नेशनल कोऑर्डिनेटर पद पर भी बहाल
लखनऊ, 23 जून। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को फिर एक बार अपना उत्तराधिकारी बना दिया है। इसके साथ ही आकाश आनंद बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर पद पर भी बहाल कर दिए गए हैं।
47 दिनों के अंदर ही आकाश को फिर दी गई अहम जिम्मेदारी
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मायावती ने विवादित बयान को लेकर आकाश आनंद को साइडलाइन कर दिया था। तब उन्होंने कहा था कि पूर्ण परिपक्वता आने तक आकाश आनंद को अहम जिम्मेदारियों से अलग रखा जाएगा। फिलहाल 47 दिनों के अंदर ही आकाश आनंद को फिर बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी गई है।
दरअसल, मायावती ने रविवार को पूर्वाह्न लखनऊ में बसपा के सभी प्रदेश प्रमुखों के साथ समीक्षा बैठक की, जिसमें आकाश आनंद भी मौजूद थे। बैठक के दौरान आकाश आनंद ने बुआ मायावती का पैर छूकर आशीर्वाद लिया। मायावती ने भतीजे के सिर पर प्यार से हाथ रखकर दुलारा और पीठ थपथपाई। तभी इस बात के कयास लगने लगे थे कि वह आकाश आनंद की वापसी का फैसला ले सकती हैं।
आकाश आनंद का राजनीतिक सफर
राजनीति में आकाश आनंद की शुरुआत नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद से हुई थी। मायावती के संगठन को खड़ा करने और चुनाव प्रचार करने के लिए आकाश आनंद को पहले नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया और इसके बाद 10 दिसम्बर, 2023 को उन्हें अपना उत्तराधिकारी बना दिया था। आकाश ने सक्रिय राजनीति शुरू की और लोकसभा चुनाव में जमकर प्रचार किया। लेकिन लोकसभा चुनाव के बीच सात मई, 2024 को मायावती में आकाश आनंद को न सिर्फ नेशनल कॉर्डिनेटर के पद से, बल्कि उत्तराधिकारी के पद से भी हटा दिया। साथ ही उन्हें राजनीतिक तौर पर अपरिपक्व बता दिया था।
BSP के स्टार प्रचारक आकाश आनंद
इससे पहले शनिवार को आकाश आनंद को उत्तराखंड में होने वाले उपचुनाव में पार्टी के स्टार प्रचारक बनाया गया। पंजाब और उत्तराखंड में विधानसभा के उपचुनाव होने वाले हैं। बसपा ने इसके लिए अपने 13 स्टार प्रचारकों की एक सूची जारी की, जिसमें पहले नंबर पर बसपा मुखिया मायावती का नाम है और दूसरे नंबर पर आकाश आनंद का नाम है।
इससे अंदाजा लग गया था कि आकाश आनंद की राजनीति में एक बार फिर एंट्री हो गई है। बस आधिकारिक घोषणा बाकी है। बसपा के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर उत्तराखंड के लिए राम जी गौतम हैं, जबकि पंजाब के लिए रणधीर सिंह बेनिवाल हैं। उत्तराखंड की दो और पंजाब की एक विधानसभा सीट पर 10 जुलाई को उपचुनाव के लिए मतदान होने हैं।
राजनीतिक तौर पर अपने सबसे खराब दौर से गुजर रही बसपा
- उल्लेखनीय है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा का खाता नहीं खुला था, लेकिन विधानसभा में बसपा के 19 विधायक थे।
- 2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी गठबंधन में बसपा ने लोकसभा की 10 सीटें जीत लीं।
- 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में बसपा का सिर्फ एक विधायक जीत हासिल कर सका।
- 2024 में लोकसभा में बसपा कोई सीट न जीत सकी। इसी की समीक्षा के लिए लखनऊ में बुलाई बैठक में मायावती ने सभी को आकाश को लेकर संदेश दे दिया।
फिलहाल डेढ़ माह में आकाश राजनीतिक तौर पर कितने परिपक्व हुए हैं, ये तो मायावती ही जानें। आकाश आनंद पार्टी के युवा चेहरे के तौर पर यूपी सहित देश के अलग-अलग राज्यों में चुनाव प्रचार करते दिखेंगे। दरअसल, आकाश में मायावती एक राजनीतिक भविष्य देख रही हैं और आकाश भविष्य में बसपा का चेहरा हो सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो इसमें कोई हैरानी की बात नहीं होगी।