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मध्य प्रदेश चुनाव : भाजपा और कांग्रेस को टक्कर दे रही बसपा, 178 सीटों पर उतारे प्रत्याशी

मध्य प्रदेश चुनाव : भाजपा और कांग्रेस को टक्कर दे रही बसपा, 178 सीटों पर उतारे प्रत्याशी

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लखनऊ, 22 अक्टूबर। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस भले ही आमने-सामने के मुकाबले में हैं, लेकिन बहुजन समाज पार्टी (बसपा) भी अपनी तगड़ी मौजूदगी दर्ज करा रही है। कहा तो यह भी जा रहा है कि मध्य प्रदेश में बसपा गठबंधन कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों को हर सीट पर टक्कर दे रहा है। यही वजह है कि बसपा नेता यह दावा कर रहे कि इस चुनाव में बसपा बड़ी सफलता हासिल करने वाली है और दो दर्जन से अधिक सीटों पर बसपा गठबंधन के उम्मीदवार चुनाव जीतेंगे।

बसपा एमपी में तीसरे नंबर की पार्टी

बसपा नेताओं के इस दावे को हवा-हवाई नहीं कहा जा सकता कि मध्य प्रदेश में बसपा तीसरे नंबर की पार्टी हैं। बीते विधानसभा चुनावों में भाजपा को एमपी में 41.02 प्रतिशत वोट और कांग्रेस को 40.89 फीसदी वोट मिले थे। वहीं बसपा को 5.01 फीसदी वोट प्राप्त हुए थे और उसके दो उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई थी।

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से गठबंधन कर चुनाव लड़ रही बसपा

इस बार बसपा एमपी में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ रही है। आदिवासी बहुल इलाकों में प्रभाव रखने वाली जीजीपी ने वर्ष 2003 में तीन सीटें हासिल की थी, लेकिन उसके बाद उसके नेता दूसरी पार्टियों में पलायन कर गए।

बीते विधानसभा चुनाव में जीजीपी को 1.77% वोट मिले थे, लेकिन उसे किसी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई थी, लेकिन वोट प्रतिशत के हिसाब से उसने समाजवादी पार्टी (सपा) को पीछे छोड़ दिया था। सपा को बीते विधानसभा चुनावों में 1.30 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे। अब चुनावी गठबंधन के तहत बसपा ने जीजीपी को 52 सीटें दी हैं जबकि 178 सीटों पर बसपा प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे हैं।

आकाश आनंद की देखरेख में बसपा लड़ रही चुनाव

बताया जा रहा है कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने एमपी में दलित और आदिवासी वोटबैंक को एकजुट कर कई सीटें हासिल की अपनी योजना के तहत ही जीजीपी से चुनावी गठबंधन किया है। मायावती की इस रणनीति से भाजपा और कांग्रेस दोनों को नुकसान पहुंच सकता है क्योंकि एमपी में बसपा का जनाधार रहा है और उसे हर चुनाव में छह से नौ फीसदी वोट मिलते रहे हैं।

बीते विधानसभा चुनावों में भी 65 सीटें पर बसपा के उम्मीदवार दूसरे या तीसरे नंबर पर रहे थे। वहीं जीजीपी ने भी दो दर्जन से अधिक सीटों पर दस हजार से ज्यादा वोट हासिल किए थे। बसपा नेताओं का दावा है कि बसपा और जीजीपी के उम्मीदवारों के चलते ही भाजपा और कांग्रेस दोनों के उम्मीदवारों को कई सीटों पर चुनावी हार का सामना करना पड़ा था। अब इस बार भी बसपा व जीजीपी का गठबंधन सीधे कांग्रेस और भाजपा के सामने चुनौती खड़ी कर रहा है।

बसपा प्रमुख मायावती अगले माह करेंगी 8 चुनावी रैलियां

मायावती के भतीजे और पार्टी के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद ने एमपी में चुनाव की कमान संभाल रखी है। उनकी देखरेख में बसपा के कार्यकर्ता पूरी ताकत झोंक रहे हैं। दलित और आदिवासी समाज के लोगों से संपर्क किया जा रहा है। अगले माह खुद मायावती मध्य प्रदेश में आठ रैलियां को संबोधित करने पहुंचेंगी।

दावा – बसपा-जीजीपी गठबंधन को साथ लिए बिना एमपी में कोई सरकार नहीं बनेगी

बसपा नेताओं का दावा है कि बसपा और जीजीपी का गठबंधन एमपी में कई सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवारों को कड़ी टक्कर दे रहा है। यह गठबंधन एमपी में कई सीटों पर जीत हासिल करेगा और बसपा-जीजीपी गठबंधन को साथ लिए बिना मध्य प्रदेश में कोई भी दल (भाजपा या कांग्रेस) सरकार बनाने में सफल नहीं होगा।

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