चित्रकूट (उत्तर प्रदेश), 10 जुलाई। सामान्यत: सोशल मीडिया से दूरी बनाकर चलने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संगठन में जल्द ही बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। इस कड़ी में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तर्ज पर आरएसएस भी अपना आईटी सेल बनाएगा और अपने कार्यकर्ताओं को ‘हाईटेक’ सुविधाओं से लैस करेगा। आईटी सेल के गठन के बाद आरएसएस का एक-एक स्वंयसेवक सोशल मीडिया से जुड़ेगा और अपनी बातों को मजबूती से आमजन के सामने रखेगा।
ज्ञातव्य है कि चित्रकूट के आरोग्यधाम परिसर में शुक्रवार से आरएसएस की चार दिवसीय राष्ट्रीय चिंतन बैठक शुरू हुई। इस बैठक में अगले वर्ष प्रस्तावित उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भाजपा के पक्ष में रणनीति तैयार करने से लेकर कोरोना की आशंकित तीसरी लहर से बचाव तक के मुद्दे शामिल हैं। इसी क्रम में यह भी चर्चा हुई है कि आरएसएस के आईटी सेल की यथाशीघ्र शरुआत की जाए।
आरएसएस कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा
अमूमन आरएसएस के शीर्ष पदाधिकारी तो सोशल मीडिया से जुडे़ हैं, लेकिन ज्यादा एक्टिव नहीं हैं। आरएसएस के छोटे कार्यकर्ता ग्रामीण और दुर्गम इलाकों में शाखाओं या फिर सेवा कार्यों के जरिए ही अपने विचारों को रख पाते हैं। लेकिन अब सोशल मीडिया से जुड़ने के बाद असानी से अपनी बात रख पाएंगे।
दूसरे शब्दों में कहें तो आईटी सेल के जरिए आरएसएस संवाद करने का बड़ा माध्यम बनाने जा रहा है। सोशल मीडिया पर अपनी बात कैसे रखनी है, इसके साथ ही अपने विचारों से किस प्रकार लोगों को संतोषजनक तरीके से समझा सकते हैं। तर्को के साथ लोगों के मन के अंदर की भ्रांतियों को कैसे दूर किया जा सकता है, इसका प्रशिक्षण स्वयंसेवकों को दिया जाएगा।
शाखा स्तर के स्वंयसेवक वर्चुअल मीटिंग से जुड़ेंगे
आरएसएस सूत्रों के अनुसार संघ बड़ी संख्या में डिजिटल स्वयंसेवक तैयार करेगा। ये डिजिटल स्वयंसेवक जमीनी स्तर पर संघ के विचारों की कमान संभालेंगे। इसके तहत शाखा स्तर के स्वंयसेवक वर्चुअल मीटिंग से जुड़ेंगे। इसके साथ ही सूचनाओं का अदान-प्रदान किया जाएगा और उनकी समस्याओं को दूर किया जाएगा।
नवरात्र से होगी चुनाव अभियान की शुरुआत
इस बीच चिंतन बैठक के पहले दिन तय किया गया कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व पंजाब समेत पांच राज्यों में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के लिए आरएसएस के अभियान की शुरुआत वासंतिक नवरात्र से शुरू की जाएगी। सभी स्वयंसेवकों से कहा गया है कि वे सरकार की छवि बनाने के कार्य में जुट जाएं।
संघ प्रमुख भागवत ने की पदाधिकारियों के कामकाज की समीक्षा
संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने बैठक के पहले सत्र में सर कार्यवाह, प्रांत प्रचारक और क्षेत्रीय प्रचारकों सहित अन्य पदाधिकारियों के कामकाज की समीक्षा की। सूत्रों के मुताबिक आनुषंगिक संगठनों के कामकाज की रफ्तार सुस्त होने की वजह कोरोना काल बताया गया। बैठक में केंद्र, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सरकारों के कार्यों पर भी चर्चा हुई।