वाराणसी : पत्नी और तीन बच्चों के कथित हत्यारे शराब कारोबारी की भी मिली लाश
वाराणसी, 5 नवम्बर। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में अपनी पत्नी और तीन बच्चों की कथित तौर पर हत्या करने वाले शराब कारोबारी का शव मंगलवार को रोहनिया थाने के सदरपुर गांव में मिला।
इसके पूर्व दिन में पुलिस ने बताया था कि भेलूपुर थाने के भदैनी क्षेत्र स्थित आवास में राजेंद्र गुप्ता नामक शख्स ने अपनी पत्नी नीतू (45), बेटे नवनीत (25) और सुबेंद्र (15) तथा बेटी गौरांगी (16) की सोमवार देर रात कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी।
अपर पुलिस आयुक्त संजीव कुमार शर्मा ने बताया कि भदैनी में एक महिला और उसके तीन बच्चों के शव मिलने के बाद हत्यारोपित पति की लाश मंगलवार शाम रोहनिया थाने के सदरपुर गांव से बरामद की गई। शर्मा के अनुसार शराब कारोबारी राजेंद्र की मौत गोली लगने से हुई, लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि उसने खुद को गोली मारकर खुदकुशी की या किसी और ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने कहा था कि पत्नी और बच्चों की हत्या के बाद गुप्ता घटनास्थल से फरार हो गया था। गुप्ता के मकान में रहने वाले किरायेदारों ने पुलिस को मंगलवार दोपहर वारदात की सूचना दी, जिसके बाद अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच कर रहे हैं।
पुलिस उपायुक्त (काशी जोन) गौरव बंदसवाल ने बताया कि भेलूपुर थाने को सूचना मिली कि एक महिला और उसके तीन बच्चों की हत्या कर दी गई है तथा मृतका का पति राजेंद्र फरार है, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और राजेंद्र की वृद्ध मां शारदा देवी से पूछताछ की।
‘राजेंद्र की मां ने कहा – बेटा तो घर पर रहता ही नहीं था‘
फिलहाल पुलिस की पहरेदारी में मौजूद शारदा देवी ने घटनाक्रम और बेटे राजेंद्र पर उठ रहे सवालों पर आश्चर्य जताया है। शारदा देवी का कहना है कि राजेंद्र दीपावली के बाद अपने नए निर्माणाधीन मकान में रहने के लिए चला गया था। भाई दूज वाले दिन वह आया था। टीका लगवाने के बाद उसने प्रसाद लिया और वह फिर वापस नहीं आया, ऐसे में वह हत्या करने के लिए कब और कैसे आया, यह नहीं पता।
यूपी : वाराणसी में पत्नी व तीन बच्चों की हत्या कर शराब कारोबारी पति फरार
शारदा देवी के अनुसार घर में सब कुछ अच्छा चल रहा था। पति-पत्नी के बीच में कभी-कभी लड़ाई होती थी। जैसे सब जगह होती है। पैसे की कोई तंगी नहीं थी। कोई कमी नहीं थी तंत्र पूजा और ज्योतिष वाली बात भी बिल्कुल गलत है। हम लोग सिर्फ भगवान पर विश्वास रखते हैं और भगवान को ही मानते हैं। तंत्र साधना और यह सब चीज ना हम करते थे ना बेटा।
शारदा देवी के अनुसार बेटा घर में कब आया, उन्हें नहीं पता। उन्हें तो यह भी जानकारी नहीं थी कि उनके पोते-पोती और बहू की लाश कमरे में पड़ी है। वह दूसरी मंजिल में अपने एक कमरे में रहती हैं। उन्होंने कहा, ‘तबीयत ठीक न होने और उम्र ज्यादा होने की वजह से कमरे से कम ही निकलती हूं। आज सुबह जब खाना बनाने वाली आई तो उसने बहू की लाश देखकर शोर मचाना शुरू किया, इसके बाद जानकारी हुई।’
बहू नीतू देवी रोज सुबह उन्हें दो रोटी दाल और सब्जी देने से पहले एक इंजेक्शन लगाती थी। बहू की भी तबीयत ठीक नहीं चल रही थी। वह डॉक्टर को दिखाने के लिए कभी-कभी जाया करती थी। दो पोतों में से एक बाहर रहता था और दीपावली पर घर आया था। छोटा पोता और पोती यहीं स्कूल में पढ़ते थे। शारदा देवी ने यह स्पष्ट किया कि उनका बेटा राजेंद्र दीपावली और भाई दूज के दो दिन घर आया था। वह यहां रहता भी नहीं था। कभी-कभी पैसों की जरूरत पड़ने पर आता था।