भाजपा के राजिंदर शर्मा जम्मू के मेयर निर्वाचित, कांग्रेस ने किया मतदान प्रक्रिया का बहिष्कार
जम्मू, 21 अक्टूबर। भारतीय जनता पार्टी के राजिंदर शर्मा जम्मू नगर निगम के मेयर निर्वाचित घोषित किए गए हैं। उनके अलावा भाजपा के ही बलदेव सिंह बलोरिया को डिप्टी मेयर चुन लिया गया है। महापौर और उपमहापौर पदों के लिए शुक्रवार को हुए चुनाव में भाजपा और कांग्रेस में सीधी टक्कर थी, लेकिन गुप्त मतदान के बदले खुले मतदान की प्रक्रिया अपनाने की वजह से कांग्रेस पार्षदों ने चुनाव का बहिष्कार किया।
कांग्रेस के मेयर उम्मीदवार द्वारका नाथ चौधरी को एक वोट
हालांकि कांग्रेस के पार्षदों ने मतदान की प्रक्रिया का ही बहिष्कार कर दिया। कांग्रेस पार्षदों का कहना था कि इस बार वोटिंग की प्रक्रिया को बदला गया है, जो गलत है। इन पार्षदों का कहना था कि सीक्रेट बैलेट पर वोटिंग होती रही है, लेकिन इस बार ओपन बैलेट वोटिंग हुई है। हालांकि इसके बाद भी कांग्रेस के मेयर उम्मीदवार द्वारका नाथ चौधरी को एक वोट मिला है।
जम्मू नगर निगम के कमिश्नर राहुल यादव ने बताया कि राजिंदर शर्मा को मेयर चुन लिया गया है और डिप्टी मेयर के तौर पर बलदेव सिंह बलोरिया को चुना गया है। बलोरिया ने कांग्रेस की उम्मीदवार को सोनिका शर्मा को हराया। दोनों ही पद बीते महीने खाली हो गए थे। नगर निगम में कुल 75 पार्षद हैं। इनमें 44 भाजपा के हैं जबकि कांग्रेस के पास 13 पार्षद हैं। इसके अलावा अन्य पार्षद निर्दलीय हैं।
भाजपा के ही बलदेव सिंह बलोरिया डिप्टी मेयर निर्वाचित
बलोरिया ने चुनाव के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, ‘मेयर के लिए आज चुनाव हुआ। कुल 59 मत पड़े हैं, जिनमें से 57 वोट राजिंदर शर्मा को पड़े हैं। इसके अलावा एक वोट अवैध करार दिया गया, जबकि कांग्रेस कैंडिडेट को एक वोट ही मिला।’ डिप्टी मेयर के चुनाव में बलोरिया को 58 वोट मिले। दो वोट रद अवैध करार दिए गए।
दरअसल मेयर रहे चंद्र मोहन गुप्त और डिप्टी मेयर पूर्णिमा शर्मा से भाजपा ने इस्तीफा दिलवा दिया था। कहा जा रहा है कि इन लोगों को विधानसभा चुनवा से पहले पार्टी के संगठन को मजबूत करने में लगाया गया है। फिलहाल जम्मू-कश्मीर में वोटर लिस्ट तैयार करने का काम चल रहा है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया – क्यों करना पड़ा चुनाव का बहिष्कार
चुनाव के बाद जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के प्रवक्ता रविंदर शर्मा ने मतदान की प्रक्रिया को लेकर विरोध जाहिर किया। उन्होंने कहा, ‘सदन में हमारे पास बहुमत नहीं था, लेकिन हमने उम्मीदवार उतारे थे। लेकिन जिस तरह से सीक्रेट वोटिंग को ओपन बैलेट में तब्दील किया गया, वह गलत था। इस अलोकतांत्रिक फैसले के चलते ही हमने बहिष्कार कर दिया।’