केरल निकाय चुनाव : तिरुवनंतपुरम में भाजपा की ऐतिहासिक जीत, चार दशकों से काबिज LDF से छीनी सत्ता, पीएम मोदी ने दी बधाई
तिरुवनंतपुरम, 13 दिसम्बर। केरल की राजनीति में जबर्दस्त राजनीतिक उलटफेर देखने को मिला, जब स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तिरुवनंतपुरम नगर निगम में ऐतिहासिक जीत दर्ज की और पिछले चार दशकों से ज्यादा समय से काबिज वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) से सत्ता छीन ली। राजधानी में यह सत्ता परिवर्तन वाम मोर्चे के लिए बड़ा राजनीतिक झटका माना जा रहा है।
भाजपानीत एनडीए को 101 वार्डों में से 50 सीटों पर मिली जीत
भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने तिरुवनंतपुरम नगर निगम के 101 वार्डों में से 50 वार्डों पर जीत हासिल की है। केरल राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) के अनुसार मंगलवार (9 दिसम्बर) को हुए स्थानीय निकाय चुनावों के पहले चरण में 70.91 प्रतिशत मतदान हुआ था। वहीं दूसरी ओर एलडीएफ और यूडीएफ ने क्रमशः 29 और 19 वार्ड जीते। दो वार्ड निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी जीते। 2020 में पिछले स्थानीय निकाय चुनावों में एलडीएफ ने 52 वार्ड, भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने 33 और यूडीएफ ने 10 वार्ड जीते थे।
लगातार चार बार से कांग्रेस सांसद शशि थरूर का है संसदीय क्षेत्र
दरअसल, तिरुवनंतपुरम न सिर्फ केरल की प्रशासनिक राजधानी है बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी यह बेहद अहम क्षेत्र माना जाता है। इसी लोकसभा सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर लगातार चार बार सांसद चुने जा चुके हैं, जिससे यह क्षेत्र लंबे समय से कांग्रेस और वाम मोर्चे के प्रभाव वाला माना जाता रहा है। ऐसे में नगर निगम में भाजपा की जीत ने राज्य की राजनीति में नए समीकरणों को जन्म दे दिया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह जीत विधानसभा चुनावों में 2-3 सीटें जीतने से कहीं ज्यादा असरदार है। नगर निगम जैसे बड़े शहरी निकाय में सत्ता हासिल करना यह संकेत देता है कि शहरी मतदाता पारंपरिक राजनीतिक ध्रुवीकरण से हटकर विकल्प तलाश रहा है। यह बदलाव खास तौर पर उस राज्य में महत्वपूर्ण है, जहां अब तक मुकाबला मुख्य रूप से LDF और UDF के बीच ही सीमित रहा है।
शहरी इलाकों में LDF के खिलाफ नाराजगी उभरी
स्थानीय चुनावी रुझानों से साफ है कि शहरी इलाकों में LDF के खिलाफ नाराजगी उभरी है। प्रशासन, शहरी बुनियादी ढांचे, पारदर्शिता और स्थानीय मुद्दों को लेकर मतदाताओं का असंतोष नगर निगम चुनावों में खुलकर सामने आया। तिरुवनंतपुरम जैसे LDF के मजबूत गढ़ में हार ने वाम मोर्चे की रणनीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
भाजपा ने इस जीत को ऐतिहासिक और निर्णायक जनादेश करार दिया
वहीं भाजपा ने इस जीत को ऐतिहासिक और निर्णायक जनादेश बताया है। पार्टी नेताओं का कहना है कि यह परिणाम केरल में भाजपा के बढ़ते संगठनात्मक आधार और जनता के बदलते मूड का प्रमाण है। पार्टी कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह है और इसे केरल में भाजपा के लिए भविष्य की राजनीति का मजबूत आधार माना जा रहा है।
वहीं, LDF नेतृत्व ने नतीजों को गंभीरता से लेते हुए आत्ममंथन की बात कही है। वाम नेताओं का कहना है कि चुनाव परिणामों का वार्ड स्तर पर विश्लेषण किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।
पीएम मोदी ने दी बधाई – ‘Thank you Thiruvananthapuram!’
-इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिरुवनंतपुर निकाय चुनाव में भाजपा को मिली ऐतिहासिक सफलता पर शहर की जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई दी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा – ‘Thank you Thiruvananthapuram!’
Thank you Thiruvananthapuram!
The mandate the BJP-NDA got in the Thiruvananthapuram Corporation is a watershed moment in Kerala’s politics.
The people are certain that the development aspirations of the state can only be addressed by our Party.
Our Party will work towards…
— Narendra Modi (@narendramodi) December 13, 2025
केरल की विकासात्मक आकांक्षाओं को केवल भाजपा ही पूरा कर सकती है
पीएम मोदी ने इस जनादेश को केरल की राजनीति में एक ‘वॉटरशेड मोमेंट’ करार देते हुए कहा कि तिरुवनंतपुरम नगर निगम में भाजपा-एनडीए को मिला समर्थन इस बात का संकेत है कि राज्य के लोग मानते हैं कि केरल की विकासात्मक आकांक्षाओं को केवल भाजपा ही पूरा कर सकती है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि पार्टी तिरुवनंतपुरम जैसे जीवंत शहर के विकास के लिए काम करेगी और आम लोगों के लिए ‘Ease of Living’ को और बेहतर बनाएगी।
