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गुजरात में भाजपा अब तक की सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड तोड़ने को तैयार, 150 से ज्यादा सीटों पर आगे

गुजरात में भाजपा अब तक की सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड तोड़ने को तैयार, 150 से ज्यादा सीटों पर आगे

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अहमदाबाद, 8 दिसम्बर। तमाम दावों और अटकलों के बीच गुजरात में एक बार फिर ‘कमल’ खिलना तय नजर आ रहा है। गुजरात विधानसभा चुनाव की गुरुवार को जारी गिनती के दौरान मिल रहे रुझान बता रहे हैं कि भाजपा इस बार राज्य में नया इतिहास रच सकती है और अब तक की सबसे बड़ी जीत का कांग्रेस का 37 वर्ष पुराना रिकॉर्ड तोड़ सकती है।

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दरअसल, चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार गुजरात के 182 सीटों वाली विधानसभा में सभी सीटों के रुझान आ चुके हैं। भाजपा ने अंतिम समाचर मिलने तक एक सीट जीती थी और 149 सीटों पर आगे चल रही थी। अगर ये रुझान सीटों में बदलते हैं तो ये राज्य में किसी भी पार्टी की विधानसभा चुनाव में अब तक की सबसे बड़ी जीत होगी।

टूटेगा कांग्रेस का 1985 का रिकॉर्ड

गुजरात में अब तक विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड कांग्रेस के पास है। कांग्रेस ने 1985 में हुए विधानसभा चुनाव में माधव सिंह सोलंकी के नेतृत्व में 149 सीटें जीती थीं। ऐसे में भाजपा इस रिकॉर्ड को तोड़ सकती है, बशर्ते आ रहे रुझान सीटों में तब्दील हो जाएं। दूसरी ओर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का बुरा हाल होता नजर आ रहा है। आम आदमी पार्टी ने चुनाव को लेकर बड़े दावे किए थे। हालांकि पार्टी दहाई आंकड़ों के आसपास सिमटती नजर आ रही है। वहीं, कांग्रेस भी रुझानों में 20 सीटों से कम है।

निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध पूर्वाह्न 11 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, भाजपा 152 सीटों पर, कांग्रेस 18 और आम आदमी पार्टी (आप) सात सीटों पर आगे चल रही है। भाजपा के कई विधायक शुरुआती रुझानों में आगे चल रहे हैं। हार्दिक पटेल, पुर्णेश मोदी और कई अन्य चर्चित चेहरे भी आगे हैं। आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार इसुदान गढ़वी खम्भालिया विधानसभा सीट से आगे चल रहे हैं। ‘आप’ सोमनाथ, व्यारा, जामनगर (उत्तर) और कुछ अन्य सीटों पर आगे है।

गुजरात में बहुमत के लिए कुल 182 सीट में से किसी भी पार्टी को 92 का आंकड़ा छूना होगा। चुनाव बाद के सर्वेक्षणों में भाजपा के आसान जीत दर्ज करने और लगातार सातवीं बार राज्य में सरकार बनाने का पूर्वानुमान लगाया गया है। इस बार मतदान प्रतिशत 2017 की तुलना में लगभग चार प्रतिशत कम हुआ। राज्य में 2017 में 68.39 प्रतिशत के मुकाबले इस बार सिर्फ 64.33 प्रतिशत मतदान हुआ।

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