नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने वाले मुख्यमंत्रियों पर भड़की भाजपा, पूछा – ‘मोदी विरोध में कहां तक जाएंगे?
नई दिल्ली, 27 मई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हो रही नीति आयोग की बैठक में सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा नहीं लिया। बैठक में शामिल नहीं होने वाले मुख्यमंत्रियों में अरविंद केजरीवाल (दिल्ली), भगवंत मान (पंजाब), ममता बनर्जी (पश्चिम बंगाल), नीतीश कुमार (बिहार), के. चंद्रशेखर राव (तेलंगाना) और एमके स्टालिन (तमिलनाडु) शामिल हैं। बताया गया कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया आज हीराज्य में हो रहे कैबिनेट विस्तार के कारण इस बैठक में हिस्सा नहीं ले रहे हैं।
Prime Minister Shri @narendramodi chaired the 8th Governing Council Meeting of the NITI Aayog. pic.twitter.com/pcBMSZ1mea
— BJP (@BJP4India) May 27, 2023
इस बीच भाजपा ने नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने वाले मुख्यमंत्रियों पर मोदी विरोध में राज्य की जनता की आवाज दबाने का आरोप लगाया है। भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘आज नीति आयोग की बैठक में आठ मुख्यमंत्री नहीं आए। नीति आयोग देश के विकास और योजनाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस बैठक के लिए 100 मुद्दे तय किए गए हैं, अब जो मुख्यमंत्री नहीं आए हैं वो अपने प्रदेश की जनता की आवाज यहां तक नहीं ला रहे हैं। मोदी विरोध में आप कहां तक जाएंगे?’
Shri @rsprasad addresses a press conference at party headquarters in New Delhi. https://t.co/AHwgO4qUbN
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रविशंकर प्रसाद ने कहा, “नीति आयोग राज्यों की सक्रिय भागीदारी के साथ राष्ट्रीय विकास प्राथमिकताओं, क्षेत्रों और रणनीतियों की साझा दृष्टि विकसित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। यह संपूर्ण नीति-ढांचे और पूरे देश के विकास के रोड मैप के निर्धारण के लिए एक महत्वपूर्ण निकाय है। इस बैठक के बहिष्कार करने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है।’
केजरीवाल ने बैठक के बहिष्कार से जुड़ी एक चिट्ठी भी पीएम मोदी को लिखी थी
अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बैठक के बहिष्कार से जुड़ी एक चिट्ठी भी लिखी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि नीति आयोग का उद्देश्य है भारतवर्ष का विजन तैयार करना और सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना। पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह जनतंत्र पर हमला हुआ है, गैर भाजपा सरकारों को गिराया जा रहा है, तोड़ा जा रहा है या काम नहीं करने दिया जा रहा, ये न ही हमारे भारतवर्ष का विजन है और न ही सहकारी संघवाद। जब इस तरह खुलेआम संविधान और जनतंत्र की अवहेलना हो रही है और सहकारी संघवाद का मजाक बनाया जा रहा है तो फिर नीति आयोग की मीटिंग में शामिल होने का कोई मतलब नहीं रह जाता।
नीतीश बोले – बिहार के विकास में केंद्र का सहयोग नहीं मिल रहा
नीतीश कुमार ने बैठक के बहिष्कार का कारण बताया कि उसी समय में पटना में उनका कार्यक्रम था। इसलिए वह बैठक में नहीं जा सके। इसकी सूचना उन्होंने केंद्र को भेज दी थी। हालांकि, सीएम नीतीश ने बीजेपी और केंद्र पर आरोप भी लगाए और कहा कि अगर वे नीति आयोग की बैठक में जाते तो बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग करते। साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर जाति आधारित जनगणना की बात भी रखते। नीतीश ने कहा कि बिहार के विकास में केंद्र का सहयोग नहीं मिल रहा है।