बिहार SIR का प्रथम चरण समाप्ति की ओर, अब तक 98.01 फीसदी मतदाता कवर किए गए, 20 लाख मृतक मिले
नई दिल्ली, 23 जुलाई। बिहार मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण (SIR) का प्रथम चरण समाप्ति की ओर है। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) का लक्ष्य है कि मतदाता सूची से कोई योग्य मतदाता छूटने न पाए और कोई अयोग्य मतदाता जुड़ न जाए।
7.17 करोड़ मतदाताओं के फॉर्म प्राप्त और डिजिटाइज्ड हो चुके
भारत निर्वाचन आयोग की ओर से बुधवार को जारी प्रेस नोट के अनुसार एसआईआर में अब तक 98.01 प्रतिशत मतदाता कवर किए जा चुके हैं। इनमें 20 लाख मृतक मिले जबकि 28 लाख स्थायी रूप से प्रवास कर चुके मतदाताओं के नाम पाए गए। जहां सात लाख मतदाताओं के वोट एक से ज्यादा जगहों पर पाए गए वहीं एक लाख वोटरों का कोई पता नहीं चल पा रहा है। अब तक 15 लाख मतदाताओं के फॉर्म वापस नहीं मिले हैं। 7.17 करोड़ मतदाताओं यानी 90.89 प्रतिशत के फॉर्म प्राप्त और डिजिटाइज्ड हो चुके हैं।
वहीं, एसआईआर के प्रथम चरण में प्राथमिक तौर पर गलत रूप से सम्मिलित सभी मतदाताओं की सूची और अब तक फार्म न भरने वालों की सूची को बिहार के सभी 12 प्रमुख राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों द्वारा नामित 1.5 लाख बूथ लेवल एजेंट्स से 20 जुलाई को साझा किया जा चुका है।
अस्थायी रूप से बिहार के बाहर प्रवास कर रहे मतदाताओं को मिली ये सुविधा
बिहार के ऐसे मतदाता, जो इस समय अस्थायी रूप से बिहार के बाहर प्रवास कर रहे हैं, और यदि वे कहीं और के मतदाता नहीं बने हैं तो अपना फॉर्म ऑनलाइन वोटर्स डॉट ईसीआई डॉट गॉव डॉट इन या ईसीआईनेट मोबाइल एप पर भर सकते हैं या प्रिंट कर सकते हैं। वह अपना प्रिंटेड फॉर्म भरकर अपने परिवार के माध्यम से बीएलओ तक पहुंचा सकते हैं या अपना प्रिंटेड फॉर्म भरकर हस्ताक्षर करके बीएलओ के फोन पर ह्वाट्सएप कर सकते हैं।
गणना फार्म जमा करने वाले मतदाताओं का नाम प्रारूप सूची में सम्मिलित होगा
गणना फार्म जमा करने वाले मतदाताओं का नाम प्रारूप सूची में सम्मिलित होगा। वोटर मतदाता सेवा पोर्टल पर अपने फॉर्म के भरे जाने की पुष्टि कर सकते हैं। आयोग ने उन सभी मतदाताओं को एसएमएस भेजे जिनके फॉर्म में मोबाइल नंबर दर्ज हैं।
एक अगस्त, 2025 को एसआईआर के प्रथम चरण की समाप्ति पर मतदाताओं की प्रारूप सूची प्रकाशित की जानी है। इस प्रारूप सूची में यदि कोई भी त्रुटि है तो कोई भी निर्वाचक या राजनीतिक दल किसी भी प्रस्तावित मतदाता के नाम पर अपनी आपत्ति को एक सितम्बर, 2025 तक उस विधानसभा क्षेत्र के ईआरओ या एईआरओ के पास दर्ज करा सकता है। इसी तरह कोई भी योग्य व्यक्ति यदि प्रारूप सूची में अपना नाम नहीं पाता है तो वह अपना दावा एक सितम्बर 2025 तक दर्ज करा सकता है।
