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उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर बड़ा खुलासा – सरकार के बताए बिना जस्टिस वर्मा के खिलाफ प्रस्ताव की घोषणा कर दी

उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर बड़ा खुलासा – सरकार के बताए बिना जस्टिस वर्मा के खिलाफ प्रस्ताव की घोषणा कर दी

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नई दिल्ली, 22 जुलाई। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे को लेकर बड़ा खुलासा सामने आया है। समाचार चैनल NDTV को मिली जानकारी के अनुसार सरकार को राज्यसभा में जस्टिस वर्मा के खिलाफ प्रस्ताव की कोई जानकारी नहीं थी।

सरकार को असहज स्थिति में देख धनखड़ ने उठाया कदम

दरअसल, सोमवार को जब सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में घोषणा की कि उन्हें जस्टिस वर्मा के खिलाफ प्रस्ताव मिला है तो सरकार हैरान रह गई। धनखड़ ने इसके बारे में सरकार को जानकारी नहीं दी थी। सरकार के आला सूत्रों के अनुसार, यदि सरकार को जानकारी दी गई होती तो सत्ता पक्ष के सांसद भी प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करते। यहीं सरकार के लिए बड़ी विचित्र स्थिति पैदा हो गई।

जगदीप धनखड़ ने चेयर से एलान कर दिया और तकनीकी तौर पर जस्टिस वर्मा को हटाने का प्रस्ताव राज्यसभा में आ गया जबकि सरकार ने लोकसभा में इसे रखने की रणनीति बनाई थी और इसके लिए विपक्ष को भी भरोसे में लिया गया था। लोकसभा में लाए गए प्रस्ताव पर विपक्षी सांसदों के भी हस्ताक्षर लिए गए थे।

पीएम मोदी ने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की

सभापति धनखड़ के इस कदम से सरकार के सामने असहज स्थिति उत्पन्न हुई तो पीएम मोदी ने वरिष्ठ मंत्रियों की बैठक हुई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कमरे में वरिष्ठ मंत्री बैठे, फिर चीफ ह्विप के जरिए सभी राज्यसभा सांसदों को बुलाकर कहा गया कि वे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कमरे में पहुंचें। 10-10 सांसदों का ग्रुप बनाया गया। सभी ग्रुप राजनाथ सिंह के कमरे में गए। वहां एक प्रस्ताव तैयार था, जिस पर हस्ताक्षर करने को कहा गया।

इसी तरह सहयोगी दलों के सांसदों को भी बुलाया गया और उनके हस्ताक्षर लिए गए। सभी को निर्देश दिया गया कि वे इस बारे में मीडिया से बात न करें। उन्हें ये भी कहा गया कि अगले चार दिनों तक वो दिल्ली में ही रहें।

धनखड़ की वजह से सरकार को कई बार शर्मिंदगी उठानी पड़ी

इसके बाद जगदीप धनखड़ से बातचीत की गई। फिर धनखड़ ने इस्तीफा देने का फैसला किया। रात को वरिष्ठ मंत्रियों ने अलग-अलग ग्रुप में सांसदों को बुलाया। उन्हें बताया गया कि किस-किस मौके पर धनखड़ ने सीमा लांघी है। उन तमाम घटनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया, जब धनखड़ सरकार को आड़े हाथों ले चुके हैं या सरकार को उनके कारण शर्मिंदगी उठानी पड़ी है। हालांकि तब तक धनखड़ अपने इस्तीफे का एलान कर चुके थे।

फिलहाल उप राष्ट्रपति का त्यागपत्र राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया है। गृह मंत्रालय को इसकी सूचना दे दी गई है। वहीं गजट में प्रकाशन के बाद चुनाव आयोग को सूचना दी जाएगी। फिर चुनाव आयोग पर निर्भर करेगा कि वह चुनाव कब कराए। वहीं जस्टिस वर्मा के खिलाफ जांच समिति के बारे में अब स्पीकर और राज्यसभा के उप सभापति मिल कर फ़ैसला करेंगे।

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