नई दिल्ली, 1 जुलाई। सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को शनिवार की देर रात सुप्रीम कोर्ट से फौरी राहत मिल गई, जब शीर्ष अदालत की तीन जजों की पीठ ने उन्हें तत्काल गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान कर दी। शीर्ष अदालत ने इसी क्रम में गुजरात हाई कोर्ट के उस आदेश पर एक हफ्ते के लिए रोक लगा दी, जिसमें नियमित जमानत के लिए उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी और उन्हें तुरंत आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया गया था। सीतलवाड़ ने गुजरात हाई कोर्ट के आज ही दिन में जारी आदेश को देर शाम सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
गुजरात हाई कोर्ट के फैसले पर एक हफ्ते के लिए रोक
न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने देर रात की विशेष सुनवाई में हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील करने के लिए सीतलवाड़ को समय नहीं देने पर सवाल उठाया। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता सीयू सिंह ने अपनी दलीलों में कहा कि सीतलवाड़ ने जमानत शर्तों का कोई उल्लंघन नहीं किया है।
सर्वोच्च अदालत की हाई कोर्ट के फैसले पर तल्ख टिप्पणियां
इसके बाद सर्वोच्च अदालत ने हाई कोर्ट के फैसले पर बेहद तल्ख टिप्पणियां कीं। शीर्ष अदालत की तीन जजों की पीठ ने कहा – उच्च न्यायालय ने जो किया, उससे हम आश्चर्यचकित हैं। इस मामले में ऐसी भी क्या चिंताजनक तात्कालिकता थी। सर्वोच्च अदालत ने सीतलवाड़ को हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील करने के लिए समय नहीं देने पर भी सवाल उठाया। अदालत ने कहा कि सामान्य अपराधी भी कुछ अंतरिम राहत का हकदार होता है।
‘हाई कोर्ट सीतलवाड़ को गिरफ्तारी से राहत दे देता तो क्या आसमान गिर जाता‘
सर्वोच्च अदालत ने कहा – ‘सवाल यह है कि यदि हाई कोर्ट सीतलवाड़ को गिरफ्तारी से राहत प्रदान कर देता तो क्या आसमान गिर जाता। मामले के गुण-दोष पर नहीं जा रहे हैं, हम सिर्फ फैसले के अनुपालन पर स्थगन संबंधी सीतलवाड़ के अनुरोध को खारिज करने वाले उच्च न्यायालय के आदेश पर संज्ञान ले रहे हैं।’ इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सीतलवाड़ को आत्मसमर्पण का निर्देश देने वाले गुजरात हाई कोर्ट के आदेश पर एक हफ्ते के लिए रोक लगा दी।
गुजरात हाई कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका खारिज की, तत्काल सरेंडर करने का निर्देश
शाम को सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने सीतलवाड़ को अंतरिम जमानत देने पर असहमति जताते हुए उनकी अर्जी को बड़ी पीठ के समक्ष रखने के निर्देश दिए और मामले को मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के पास भेज दिया। इसके बाद रात को सवा नौ बजे सुप्रीम कोर्ट की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर सुनवाई की। आखिरकार सर्वोच्च अदालत ने सीतलवाड़ को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान कर दी।