गो फर्स्ट के मिली बड़ी राहत, ऋणदाताओं ने 400 करोड़ रुपये की अंतरिम फंडिंग को मंजूरी दी
नई दिल्ली, 25 जून। नकदी संकट से जूझ रहे निजी एयरलाइन कम्पनी गो फर्स्ट को बड़ी राहत जब मिली, जब एयरलाइन के ऋणदाताओं ने लगभग 400 करोड़ रुपये की अंतरिम फंडिंग को मंजूरी दे दी है। एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले यह जानकारी सामने आई है।
गौरतलब है कि पिछले महीने गो फर्स्ट ने राष्ट्रीय कम्पनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के समक्ष स्वैच्छिक दिवाला समाधान कार्यवाही के लिए आवेदन किया था। इसी क्रम में संकटग्रस्त एयरलाइन ने अपनी उड़ानें रद कर दी हैं और अपना घरेलू परिचालन शुरू करने के लिए धन की तलाश कर रही थी। अब, लेनदारों की समिति (सीओसी), जिसमें सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, डॉयचे बैंक और आईडीबीआई बैंक शामिल हैं, ने अतिरिक्त फंडिंग के अनुरोध को मंजूरी दे दी है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक शीर्ष बैंकर ने बताया कि ऋणदाताओं ने व्यापार योजना के आधार पर और संचालन के पुनरुद्धार का समर्थन करने के लिए संकटग्रस्त एयरलाइन को लगभग 400 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। बैंकर ने कहा कि ऋणदाता व्यवसाय योजना के आधार पर नई फंडिंग और परिचालन को पुनर्जीवित करने पर सहमत हुए हैं।
एक अन्य बैंकर ने कहा कि अभी के लिए स्वीकृत राशि लगभग 400 से 450 करोड़ रुपये है और बाद में विशिष्ट घटनाओं के लिए आवश्यकता पड़ने पर ऋणदाता अतिरिक्त आकस्मिक धन के लिए खुले हो सकते हैं।
इस सप्ताह की शुरुआत में जानकारी सामने आई थी कि गो फर्स्ट ने बुधवार को ऋणदाताओं की बैठक में अतिरिक्त धनराशि की मांग की थी। एयरलाइन चार बिलियन से छह बिलियन भारतीय रुपये के बीच अतिरिक्त धनराशि की मांग कर रही थी। उधारदाताओं को अगले 48 घंटों में प्रस्तावों का मूल्यांकन करने की उम्मीद थी।
अगले माह 22 विमानों के साथ 78 दैनिक उड़ानें संचालित करने की योजना
गो फर्स्ट ने जुलाई में परिचालन फिर से शुरू करने और 22 विमानों के साथ 78 दैनिक उड़ानें संचालित करने की योजना बनाई है। हालांकि गो फर्स्ट दिवालियापन फाइलिंग में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, आईडीबीआई बैंक और ड्यूश बैंक को उसके लेनदारों में सूचीबद्ध किया गया है, जिन पर कुल 65.21 अरब रुपये बकाया है।