एलआईसी को बड़ा फायदा : दिसम्बर तिमाही में शुद्ध लाभ उछलकर 8334 करोड़ रुपये जा पहुंचा
नई दिल्ली, 9 फरवरी। सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कम्पनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसम्बर तिमाही में कई गुना उछलकर 8,334.2 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। एक वर्ष पहले इसी तिमाही में कम्पनी का शुद्ध लाभ 235 करोड़ रुपये था।
एलआईसी ने शेयर बजार को दी गई सूचना में कहा कि उसकी शुद्ध प्रीमियम आय दिसम्बर, 2022 को समाप्त तिमाही में 1,11,787.6 करोड़ रुपये रही, जो एक वर्ष पहले 2021-22 इसी तिमाही में 97,620.34 करोड़ रुपये थी। हालांकि ये आंकड़े तुलनीय नहीं हैं क्योंकि उस समय एलआईसी सूचीबद्ध कम्पनी नहीं थी।
इसी क्रम में एलआईसी की निवेश से आय आलोच्य तिमाही में बढ़कर 84,889 करोड़ रुपये हो गई, जो एक वर्ष पहले 2021-22 की अक्टूबर-दिसम्बर तिमाही में 76,574.24 करोड़ रुपये थी।
एलआईसी के अधिकारी शीघ्र ही अडानी समूह के शीर्ष प्रबंधन के साथ बैठक करेंगे
इस बीच एलआईसी के चेयरमैन एम.आर. कुमार ने गुरुवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कम्पनी के अधिकारी अडानी समूह के शीर्ष प्रबंधन के साथ बैठक करेंगे और विभिन्न कारोबार से जुड़े समूह में संकट को लेकर स्पष्टीकरण मांगेंगे। अडानी समूह में एलआईसी के निवेश को लेकर विपक्षी दलों के साथ-साथ निवेशक भी आलोचना कर रहे हैं।
एलआईसी के चेयरमैन ने तीसरी तिमाही के वित्तीय परिणाम की घोषणा के समय संवाददाताओं से कहा, ‘हालांकि, हमारी निवेशकों की टीम पहले ही अडानी समूह से स्पष्टीकरण मांग चुकी है, हमारा शीर्ष प्रबंधन उनसे इस मामले में संपर्क करेगा। हम अभी वित्तीय परिणाम को लेकर व्यस्त थे। हम जल्दी ही उनसे मिलेंगे और उनसे स्पष्टीकरण मांगेगे। हम समझना चाहते हैं कि बाजार और समूह के साथ क्या हो रहा है।’
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के खिलाफ याचिका में सुप्रीम कोर्ट आज करेगा सुनवाई
गौरतलब है कि अमेरिकी वित्तीय शोध और निवेश कम्पनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद समूह की कम्पनियों के शेयरों में गिरावट जारी है। रिपोर्ट में अडानी समूह पर बाजार में कथित गड़बड़ी करने और लेखा धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। हालांकि, अडानी समूह ने इसे सिरे से खारिज करते हुए कानूनी काररवाई की चेतावनी दी है। यहां तक कि दो वकीलों ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की हैं। इन याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई होनी है।