सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग में भारत को बड़ा झटका – फॉक्सकॉन ने वेदांता के साथ तोड़ा करार
नई दिल्ली, 10 जुलाई। भारत में सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग को लेकर बड़ा झटका लगा, जब चिप मैन्यूफैक्चरिंग के लिए एक वर्ष से ज्यादा समय तक भारतीय कम्पनी वेदांता के साथ काम करने के बाद ताइवान की दिग्गज कम्पनी फॉक्सकॉन ने अपना मौजूदा करार तोड़ दिया है।
फॉक्सकॉन ने यह करार खत्म करने के बाद जारी एक बयान में कहा है कि आपसी सहमति के बाद यह डील खत्म हुई है। फिलहाल इस डील के खत्म होने के बाद पीएम मोदी की भारत में चिप मैन्यूफैक्चरिंग की योजना को एक बड़ा झटका लग सकता है।
फॉक्सकॉन ने कहा – आपसी सहमति से खत्म हुई डील
फॉक्सकॉन ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि वह 19.5 अरब डॉलर के सेमीकंडक्टर जॉइंट वेंचर से बाहर हो रहा है। बयान के अनुसार ‘फॉक्सकॉन ने तय किया है कि वह वेदांता के साथ जॉइंट वेंचर पर आगे नहीं बढ़ेगा।’
कम्पनी ने यह भी कहा है कि सेमीकंडक्टर के एक महान विचार को रियलिटी में बदलने के लिए उसने एक साल से भी ज्यादा समय तक वेदांता के साथ काम किया है, लेकिन अब वह इस डील को आगे नहीं ले जा सकता है और इसे यहीं खत्म कर रहा है। ऐसे में इस डील के खत्म होने के बाद अब यह पूरी तरह से वेदांता के स्वामित्व वाली इकाई हो जाएगी।
फॉक्सकॉन के फैसले से भारत को क्या होगा नुकसान
गौरतलब है कि भारत में चिप मैन्यूफैक्चरिंग को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई थी, ऐसे में इस डील के खत्म होने के बाद भारत के चिप मैन्यूफैक्चरिंग के सपने को बड़ा झटका लग सकता है। यही नहीं इस डील के खत्म होने पर विदेशी निवेशकों पर भी इसका असर पड़ सकता है।
खास बात यह है कि फॉक्सकॉन दुनिया की सबसे बड़ी कॉन्ट्रैक्ट इलेक्ट्रॉनिक्स बनाने वाली कम्पनी है। फॉक्सकॉन को आईफोन और दूसरे एपल प्रोडक्ट्स को एसंबल करने के लिए जाना जाता है। ऐसे में फॉक्सकॉन और वेदांता दोनों कम्पनियों ने एक डील पर साइन किया था, जिसके तहत गुजरात में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले प्रोडक्शन प्लांट बनाया जाना था।