कांग्रेस को बड़ा झटका : केरल के पूर्व मुख्यमंत्री करुणाकरन की बेटी पद्मजा वेणुगोपाल भाजपा में शामिल
नई दिल्ली, 7 मार्च। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा, जब पार्टी के दिग्गज नेता व केरल के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत के. करुणाकरन की बेटी पद्मजा वेणुगोपाल गुरुवार को यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गई। बताया जा रहा है कि वेणुगोपाल केरल से लोकसभा चुनाव लड़ सकती हैं।
Former Congress leader from Kerala, Smt. Padmaja Venugopal joins BJP at party headquarters in New Delhi.#JoinBJP pic.twitter.com/mG0X9soaDt
— BJP (@BJP4India) March 7, 2024
भाजपा में शामिल होते ही कांग्रेस आलाकमान पर साधा निशाना
भाजपा में शामिल होते ही वेणुगोपाल ने कांग्रेस आलाकमान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं। मैं पहली बार अपनी पार्टी बदल रही हूं क्योंकि मैं इतने वर्षों तक कांग्रेस से खुश नहीं थी, खासकर पिछले विधानसभा चुनाव से। मैंने हाईकमान से शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। मैं नेतृत्व से मिलने भी आई, लेकिन उन्होंने मुझे नहीं देखा। मैं सोनिया गांधी का बहुत सम्मान करती हूं, लेकिन उन्होंने मुझे कभी समय नहीं दिया। मेरे पिता का भी यही अनुभव था… वह बहुत नाखुश थे… इसलिए मैंने फैसला लिया।’
उल्लेखनीय है कि इससे पहले केरल के पूर्व मुख्यमंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी भी भाजपा में शामिल हुए थे। अनिल को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए केरल की पत्तनमतिट्टा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। वह भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं।
भाई मुरलीधरन ने पद्मजा के फैसले को विश्वासघात करार दिया
ज्ञातव्य है कि पद्मजा वेणुगोपाल के भाई के. मुरलीधरन वडकरा से कांग्रेस के सांसद हैं। उन्होंने पद्मजा के फैसले को विश्वासघात करार दिया और कहा कि इससे भाजपा को रत्तीभर भी फायदा नहीं होगा।
मुरलीधरन ने कहा कि करुणाकरन ने कभी सांप्रदायिकता से समझौता नहीं किया और जहां तक सवाल धर्मनिरपेक्ष सोच वाले लोगों का है, उनके परिवार के किसी सदस्य का भाजपा में शामिल होना एक दुखद परिणाम है। उन्होंने कहा, ‘पद्मजा के शामिल होने से भाजपा को रत्तीभर फायदा होने वाला नहीं है। यह हमारी लड़ने की इच्छाशक्ति को भी प्रभावित नहीं करेगा। हम भाजपा को हर जगह तीसरे नंबर पर धकेलने की पुरजोर कोशिश करेंगे, खासकर उन सीटों पर भी, जहां उन्हें (भाजपा) जीतने की उम्मीद है। इस विश्वासघात का जवाब ईवीएम के जरिए दिया जाएगा।’